** शिक्षा विभाग और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के बीच तालमेल के अभाव में ऐसे हालात बने
चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में बच्चों में सीखने की प्रवृत्ति बढ़ाने की
शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग परेशानी का कारण बन गई है। करीब 5600
सरकारी स्कूलों के शिक्षक ट्रेनिंग लेने में व्यस्त हैं, जिस कारण
विद्यार्थी 14 मार्च से आरंभ हो रही परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं।
शिक्षा विभाग और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी)
के बीच तालमेल के अभाव में ऐसे हालात बने हैं।
प्रदेश सरकार ने बोस्टन के
एक कंसलटेंसी ग्रुप के सहयोग से स्कूलों में बच्चों में सीखने की
प्रवृत्ति बढ़ाने का प्रोग्राम तैयार किया है। एलईपी कार्यक्रम के तहत पहले
चरण में 3200 स्कूलों के करीब 18 हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया,
ताकि वे बच्चों को खेल-खेल में सीखने की आदत डालें व कमजोर बच्चें की पहचान
कर स्कूल समय से पहले प्रात: एक घंटा उन कमजोर बच्चों को एलईपी के तहत
पढ़ाएं। राज्य के 5600 स्कूलों को नॉन एलईपी श्रेणी में रखा गया है, जिनमें
पहले चरण के प्रशिक्षण तो पूरे कर दिए गए हैं, लेकिन दूसरे चरण के
प्रशिक्षण 11 मार्च तक चलाए जाने हैं। बच्चों की परीक्षाएं 14 मार्च से
शुरू हैं। इससे अभिभावक, शिक्षक और बच्चे सभी चिंतित हैं। 1ट्रेनिंग वाले
स्कूलों में एक या दो ही शिक्षक : जिन स्कूलों के शिक्षकों का प्रशिक्षण
होना है, उनमें से ज्यादातर एकल स्कूल शिक्षक व दो या तीन शिक्षक ही हैं।
उनके पास पांच कक्षाओं का भार है। ऐसे में उन स्कूलों के बच्चों का भविष्य
क्या होगा, यह न तो शिक्षा विभाग सोच रहा और न ही सरकार ध्यान दे रही है।
इससे पहले भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर शिक्षकांे
को प्रशिक्षित किया जा चुका है, लेकिन यह समय प्रशिक्षण का है या छात्रों
की परीक्षा का, इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने तैयार की आंदोलन की
रणनीति
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद ठाकरान, महासचिव
दीपक गोस्वामी, संरक्षक सुरेंद्र राठी और प्रेस सचिव हरप्रीत शर्मा ने इन
प्रशिक्षणों को तुरंत प्रभाव से बंद करने की मांग की है। राज्य महासचिव ने
बताया कि मामले को लेकर शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा, महानिदेशक
मौलिक शिक्षा को ई-मेल के माध्यम से अवगत करा दिया गया है। प्राथमिक
शिक्षक संघ 10 मार्च तक खंड स्तर पर और 21 से 25 मार्च तक जिला स्तर पर
प्र्दशन करेगा। अगर फिर भी सरकार नहीं मानी तो अप्रैल में मुख्यमंत्री आवास
का घेराव किया जाएगा। dj
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