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Sunday, 6 March 2016

सामान्य वर्ग के छात्रों को बना दिया एससी

** महेंद्रगढ़ के गुजवि सेंटर में किया जा रहा था फर्जीवाड़ा 
** विश्वविद्यालय के डिस्टेंस विभाग की टीम जुटी जांच में
** कुल 73 सेंटर हैं. कई सेंटरों में मिल सकता है गोल माल
** डिस्टेंस सेंटरों में रेगुलर की अपेक्षा कई गुना ज्यादा दाखिले

हिसार : निजी सेंटरों पर एससी कोटे के छात्रों की स्कॉलरशिप गबन करने के मामले कई बार सामने आते रहे हैं। मगर पहली बार सामान्य वर्ग छात्रों को एससी कोटे में शामिल कर स्कॉलरशिप हड़पने के मामले सामने आए हैं। 
यह हेराफेरी छात्रों ने नहीं बल्कि गुजवि के स्टडी सेंटर की ओर से की गई है। फिलहाल महेंद्रगढ़ के स्टडी सेंटर में गड़बड़ी सामने आई है। जब यह मामला सामने आया गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के डिस्टेंस विभाग की नींद उड़ गई। 
कुलपति ने त्वरित कार्रवाई करते हुए डिस्टेंस विभाग के आलाधिकारियों की विशेष कमेटी गठित की है जो इस सारे में मामले की जांच में जुट गई है। वहीं कुलपति का कहना है कि यदि कमेटी की रिपोर्ट में गड़बड़ी के सबूत मिलते है तो सेंटरों के खिलाफ केस दर्ज करवाए जाएंगे। बता दें कि गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के डिस्टेंस विभाग के कुल 73 स्टडी सेंटर है जिनसे विवि को सबसे ज्यादा इनकम होती है। 
गुजवि के रेगुलर एडमिशन के मुकाबले कई गुणा ज्यादा एडमिशन यहां पर होते हैं। उक्त खुलासे ने गुजवि के डिस्टेंस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है। निजी सेंटरों की कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके है। हाल ही में गुजवि प्रशासन के सामने आया था कि 73 सेंटरों में अधिकतर सेंटरों ने अपनी सोसायटी के अपडेट डाक्यूमेंट जमा नहीं करवाए है। आरटीआइ से जानकारी में जब यह मामला विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पहुंचा तो कुलपति ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी सेंटरों को अपने डाक्यूमेंट जमा करवाने के आदेश दिए। जांच के बाद फर्जीवाड़े के आरोप सही पाए जाते हैं तो हडपी गई स्कॉलरशिप की रकम की रिकवरी भी कराई जा सकती है।
मार्कशीट रोकी तो पता चला 
महेंद्रगढ़ स्थित गुजवि के डिस्टेंस स्टडी सेंटर में कुल 200 से 250 स्टूडेंट हैं। इनमें से कुछ छात्रओं की मार्कशीट जारी नहीं हुई थी। इसी मामले को लेकर सेंटर की तीन छात्रएं गुजवि के डिस्टेंस विभाग में पहुंची। जब जांच की गई तो पता चला कि छात्रओं ने एससी कोटे के तहत एडमिशन लिया है और उनकी स्कॉलरशिप नहीं आई है। इसी कारण मार्कशीट रोकी गई है। यह जानकर जब छात्रएं भी अचंभित हो गई। उन्होंने खुद को जनरल वर्ग से बताया और सबूत भी पेश किए। इसके बाद प्रशासन ने सेंटर की कुछ और एससी छात्रओं की जांच की तो कई छात्रएं जनरल वर्ग की मिली। सभी ने कहा कि उन्होंने सेंटर संचालक को पूरी फीस दी है।
"फिलहाल एक सेंटर की ओर से छात्रों के फर्जी डॉक्यूमेंट जमा करवाने का मामला सामने आया है। इसके बाद जांच कमेटी का गठन कर दिया है जो अन्य सेंटरों की भी गंभीरता से जांच करेंगी। जांच में यदि गड़बड़ी मिलती है तो सेंटर संचालकों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा। "-- प्रो. टंकेश्वर कुमार, कुलपति, गुजवि।

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