**कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन से सिक्योरिटी के नाम पर 8 हजार रुपए काटकर चेक से किया दो माह के वेतन का भुगतान
कंप्यूटर शिक्षक भर्ती घोटाले में अब कंपनियों में भी मतभेद पैदा हो गए हैं। एक कंपनी ने जहां शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शिक्षकों को बिना सिक्योरिटी काटे वेतन का भुगतान किया है वहीं, दूसरी कंपनी अब भी वेतन से सिक्योरिटी काट रही है। साथ ही शिक्षकों ने कंपनी पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है।
सिक्योरिटी काटकर चेक से पेमेंट :
प्रदेश में दो कंपनियों के माध्यम से लगाए गए 2622 कंप्यूटर शिक्षकों से एक कंपनी सिक्योरिटी के नाम पर 24 हजार रुपए वसूल रही है। जबकि मामले का खुलासा होने पर दूसरी कंपनी से शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शिक्षकों के वेतन का भुगतान कर दिया है।
कंप्यूटर शिक्षकों का कहना है कि कंपनी ने हाल ही में नवंबर व दिसंबर माह का वेतन जारी किया है। एक कंपनी ने शिक्षा विभाग के आदेशों को दरकिनार करते हुए सिर्फ उन्हीं शिक्षकों को दिसंबर तक का वेतन दे है जो सिक्योरिटी जमा कराने के लिए राजी हो गए हैं। कंपनी ने ब्लैकमेल करके शिक्षकों को तनख्वाह देने से पहले एक लेटर भी साइन कराया है जिसमें शिक्षकों से साफ तौर पर लिखवाया गया है कि वे अपनी मर्जी से सिक्योरिटी वसूल कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कंपनी के इस खेल का खुलासा 6 अप्रैल के अंक में प्रकाशित 'अवैध सिक्योरिटी देने वाले को ही मिला वेतन' समाचार के माध्यम से किया था। कंपनी ने शिक्षकों की दो माह की तनख्वाह में से 8 हजार रुपए सिक्योरिटी के नाम पर काट लिए हैं। कंपनी ने सिक्योरिटी काटने के वाद बाकी पेमेंट उनके खातों में डालने की बजाय चेक बना दिए हैं। जबकि दूसरी कंपनी जिसने शिक्षकों की सिक्योरिटी राशि नहीं काटी है।
एमओयू के अनुसार सिक्योरिटी अवैध
अवैध सिक्योरिटी के मामले में शिक्षा विभाग की ओर से एक जांच कमेटी का गठन किया गया था। 24 मार्च को माध्यमिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त महानिदेशक सुमेधा कटारिया ने खुद बयान जारी करके बताया था कि सिक्योरिटी फीस एमओयू के खिलाफ है जिसे वापस किया जाना चाहिए। dbrwd
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