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Thursday, 17 April 2014

शिक्षा विभाग शब्दों के मोती से पिरोने और किताबों से दोस्ती की चलाएगा मुहिम

** निजी स्कूलों से सरकारी की होड़, पुरानी जड़ों से जोडऩे पर रहेगा अध्यापकों का जोर 
तख्ती पर मुलतानी मिट्टी की खुशबू और कलम-दवात से निकले मोती। सुलेख से बच्चों को जोडऩे की मुहिम अब फिर चलेगी। इस बार तख्ती और स्याही की दवात तो नहीं होगी लेकिन कागज पर मोती उतारने वाला प्रार्थना सभा का हीरो जरूर बनेगा। 
कक्षा तत्परता कार्यक्रम में कई ऐसी गतिविधियां शामिल की गई हैं जो बच्चों को पुरानी जड़ों से जोडऩे वाली हैं। रोहतक में शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन की मौजूदगी में ऐसे ही कई कार्यक्रमों पर चर्चा हुई और अब ये कार्यक्रम स्कूलों में नियमित रूप से चलाए जाएंगे। मकसद है बच्चे का पढ़ाई से नाता जुड़ा रहे और खेल-खेल में सीखत भी रहे। कक्षा तत्परता कार्यक्रम में कई गतिविधियां बच्चों के लिए बेहद रुचिपरक साबित हो सकती हैं। 
सुलेख के जमेेंगे रंग : 
सरकारी स्कूलों में अब सुलेख लेखन सप्ताह मनाए जाएंगे। पहले बच्चों को अच्छे सुलेख की बारिकियां समझाई जाएंगी और फिर प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी। पहले कक्षा के बच्चों के बीच सुलेख की प्रतियोगिता होगी। जो विजेता बनेंगे उनकी स्कूल स्तर पर सुलेख प्रतियोगिता होगी। जो जीता वह स्कूल का हीरो होगा और स्कूल की प्रार्थना सभा में उसे सम्मानित भी किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में अब सुलेख पर पूरा जोर रहेगा। 
बच्चे देखेंगे बाल फिल्म 
एजुसेट के माध्यम से सरकारी स्कूलों में फिल्म महोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर के भोजन के बाद 11:30 से 1 बजे तक बच्चों को बाल फिल्म दिखाई जाएगी। स्पेशल बच्चों को भी पाठ्यक्रम पर आधारित बच्चों की फिल्म दिखाई जाएगी। अध्यापक भी बच्चों के साथ बैठकर ही ये फिल्में देखेंगे और बाद में उस पर चर्चा करेंगे। 
स्कूलों में मनाया जाएगा लाइब्रेरी सप्ताह 
सिलेबस से अलग भी किताबों की दुनिया है। इसी दुनिया से बच्चों को रूबरू करवाने के लिए अब स्कूलों में पुस्तकालय लाइब्रेरी सप्ताह भी मनाया जाएगा। इस सप्ताह बच्चों को सिलेबस से अलग किताबों की दुनिया में ले जाने के लिए सरकारी टीचर मशक्कत करेंगे। अध्यापक बच्चों को रोज एक नई पुस्तक देंगे और बच्चे इसे न केवल स्कूल में पढ़ेेंगे बल्कि घर भी लेकर जाएंगे। अगले दिन बच्चे पढ़ी हुई पुस्तक से ही कोई कविता, कहानी या कोई अच्छी शिक्षा सब बच्चों को सुनाएंगे। अच्छी शिक्षाओं को कॉपी में लिखवाया जाएगा और बच्चा घर जाकर भी अभिभावकों को सुनाएगा। जिन बच्चों ने किताब से कुछ अच्छा सीखा या सुनाया उसे सम्मानित भी किया जाएगा।                                               dbrtk

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