करनाल : सुलभ शिक्षा सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सर्वशिक्षा अभियान के तहत जिले के छह स्कूलों को अपग्रेड करने की डिमांड सरकार को भेजी गई है। जबकि पिछले साल की डिमांड के अनुसार 2 स्कूल अपग्रेड हो चुके हैं।
सब पढ़े सब बढ़े के नारे को आगे बढ़ाते हुए सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत सबको शिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के तहत केंद्र सरकार द्वारा मोटा बजट मुहैया कराया जाता है, जबकि प्रदेश सरकार भी शिक्षा सुविधाओं पर अगल से पैसा खर्च कर करती है। सर्वशिक्षा अभियान ने आगामी वार्षिक बजट के तहत 6 और स्कूलों को प्राइमरी से मिडल बनाने की डिमांड सरकार को भेजी है। विद्यार्थियों को घर के नजदीक शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के लिए उक्त स्कूलों को अपग्रेड करने की मांग की गई है।
कछुआ गति से चल रहा सर्व शिक्षा अभियान
सर्वशिक्षा अभियान पिछले साल से कछुआ गति से चल रहा है। बजट की कमी से सर्वशिक्षा अभियान के क्षेत्र में नए कार्यों पर जैसे रोक सी लगी हुई है। पूरे साल में गल्र्स एजुकेशन व हैंडीकैप बच्चों से जुड़ी गतिविधियां ही संचालित हो सकी हैं। इसके अलावा अन्य परियोजनाओं पर कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है।
जिले के इन स्कूलों की भेजी गई है डिमांड
जीपीएस गल्र्स स्कूल इंद्री व तरावड़ी तथा जीपीएस संजय नगर घरौंडा, जीपीएस चुंडीपुर, जीपीएस बरसालू नीलोखेड़ी और बुढनपुर वीरान को मिडल तक अपग्रेड करने की मांग रखी गई है। जबकि इससे पहले जीपीएस प्रेमनगर व जीपीएस पीर बड़ौली को मिडल स्कूल का दर्जा दिया जाना तय हो चुका है।
39 लाख रुपए का मांगा गया है बजट
इस वर्ष जिला परियोजना कार्यालय की ओर से सर्वशिक्षा अभियान के लिए 39 लाख रुपए के बजट की डिमांड भेजी गई है। अगर समय पर बजट स्वीकृत होकर पैसा मिला जाता है तो शिक्षा के उत्थान से जुड़े कार्यों में तेजी आ सकेगी। जबकि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए प्रस्तावित बजट बनाया जा रहा है।
"इस वर्ष जिले के छह जीपीएस स्कूलों को मिडल स्कूल का दर्जा दिए जाने की डिमांड भेजी गई है। इसके अलावा दो स्कूल अपग्रेड हो चुके हैं।"--सूरज प्रकाश चावला, सहायक परियोजना निदेशक एसएसए। db
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