** शिक्षक संघ ने जताया विरोध, सरकार को दी परिणाम भुगतने की चेतावनी
नांगल चौधरी : सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा स्कूलों में प्रवेश उत्सव कार्यक्रम के निर्देश दिए हैं। जिसके मुताबिक अध्यापकों ने निजी स्कूलों से पहले परिणाम घोषित करके प्रवेश प्रक्रिया आरंभ की है। अब विभाग ने 5 अप्रैल से फसली अवकाश घोषित किया है। इससे प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित होने के कारण सरकारी शिक्षण संस्थाओं में छात्रों की संख्या बढऩा मुश्किल होगा।
गौरतलब है कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिए सरकार द्वारा गांव एवं ढाणियों में विभागीय शिक्षण संस्थाओं की व्यवस्था कर रखी है। जिनमें विभिन्न सुविधाओं के अलावा योग्यतावान शिक्षकों की नियुक्तियां कर रखी हैं।
किंतु अधिकांश अभिभावक सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाने को तैयार नहीं हैं। उनका तर्क है कि विभागीय शिक्षक शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं। जोकि स्वयं के बच्चे निजी स्कूलों में भेजते हैं तथा लोगों को प्रवेश के लिए प्रेरित करते हैं। परिणामस्वरूप स्कूलों में छात्रों की संख्या निरंतर घट रही है। करीब आधा दर्जन विद्यालयों में दस छात्रों से कम संख्या होने के कारण बंद होने के कगार पर हैं। निजी स्कूलों के बढते प्रभाव को रोकने के लिए विभाग ने विशेष रणनीति बनाई है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार स्कूल मुखिया प्राइवेट संस्थाओं से पहले परिणाम घोषित करके दाखिले करने में जुटे हैं। परंतु ग्रामीण फसल कटाई में व्यस्त होने के कारण अभी सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं। अब सरकार ने 5 अप्रेल से 10 दिवसीय फसली अवकाश घोषित कर दिया है। जिससे विभाग की योजना विभाग के आदेशों से प्रभावहीन हो गई और अवकाशकाल के दौरान अधिकांश बच्चे निजी स्कूलों में पहुंच जाएंगे।
विभागीय आदेशों से प्रभावित होंगे दाखिले
खंड शिक्षा अधिकारी ब्रिजेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा 5 से 14 अप्रेल तक फसली अवकाश घोषित किया गया है। इससे स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया प्रभावित होगी। किंतु उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना आवश्यक है। सभी स्कूल मुखियाओं को छुट्टी की सूचना भेज दी है।
संघ ने किया आदेशों का विरोध
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान अशोक यादव ने फसली अवकाश का विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा सरकारी स्कूलों को बंद करने की है। इसलिए निजी स्कूलों से मिलीभगत करके आनन-फानन में फसली अवकाश घोषित किया है। इस दौरान अधिकांश बच्चों के प्रवेश निजी स्कूलों में हो जाएंगे। शिक्षक संघ के प्रधान ने तुरंत अवकाश रद्द करने की मांग करके सरकार को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने की थी योजना
सूत्रों के मुताबिक विभाग तथा सरकार ने विचार-विमर्श करके फसली अवकाश को ग्रीष्मकालीन में शामिल किया था। जोकि 22 मई से आरंभ होना है। तब तक घर-घर जाकर बच्चों के दाखिलों के निर्देश हैं। किंतु अचानक तत्काल प्रभाव से 10 दिवसीय फसली अवकाश घोषित होने से शिक्षक हैरान हैं। dbnrnl
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