.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Thursday, 3 April 2014

बिना बैग व स्टेशनरी के ही बीत गया सत्र

** शाहाबाद के 192 राजकीय स्कूलों में नहीं आए पिछले सत्र के फंड 
कुरुक्षेत्र : शैक्षणिक सत्र आगे-आगे और शिक्षा विभाग पीछे-पीछे दौड़ रहा है, जिसके चलते शैक्षणिक सत्र 25 मार्च को खत्म होने के बावजूद बीते सत्र के लिए अब तक शाहाबाद ब्लॉक के राजकीय स्कूलों में स्कूल बैग, स्टेशनरी, फीस और एसएमसी का फंड नहीं पहुंच पाया है। 
दिलचस्प बात तो यह है कि यह फंड विद्यार्थियों को सत्र की शुरुआत में दिया जाता है, लेकिन यहां तो हालात ये हैं कि सत्र बीतने के बाद तक भी बच्चों तक फंड का लाभ नहीं पहुंच पाया। ऐसे में राजकीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा और सुविधाएं देने के शिक्षा विभाग के दावे हवा हो रहे हैं। शाहाबाद ब्लॉक में कुल 122 प्राथमिक और 70 के करीब मिडल स्कूल हैं। 
यह मिलता है फंड : 
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर फीस फंड के रूप में प्रत्येक बच्चे को 36 रुपए दिए जाते हैं, जिसमें 24 रुपए चाइल्ड वेलफेयर फंड, दो रुपए पीटीए, पांच रुपए स्पोर्टस फंड और पांच रुपए बिल्डिंग फंड के रूप में मिलते हैं। ्रवहीं बैग के लिए 120 रुपए और स्टेशनरी के लिए 100 रुपए देने का प्रावधान है। चौहान ने बताया कि इसके अलावा एसएमसी गठन के लिए भी सभी स्कूलों को 500 रुपए का फंड मिलना था। यह फंड भी अभी तक नहीं मिल पाया है। फंड सत्र की शुरुआत में विद्यार्थियों को मिलना चाहिए, लेकिन यहां तो हालत इतनी बुरी है कि सत्र खत्म होने के बाद तक फंड नहीं पहुंच पाया है। 
पुराने बैग से चलाया काम 
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि फंड न आने से विद्यार्थियों को स्टेशनरी का सामान समय पर उपलब्ध नहीं होने से पुराने बैग से ही काम चलाना पड़ा। स्कूल में पढऩे वाले छात्र आकाश, प्रदीप, पवन और प्रिंस ने बताया कि वे घर के बने थैलों में ही पुस्तकें डालकर स्कूल में आ रहे थे। वहीं पिछली कक्षा की कॉपियों से ही काम चलाना पड़ा। विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें बैग और स्टेशनरी स्कूल में दाखिलों के साथ मिलने चाहिए, ताकि उन्हें इस फंड का पूरा लाभ मिल सके। 
दो दिन में डल जाएंगे पैसे 
शाहाबाद ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी सत्यपाल सिंह ने कहा कि खंड के स्कूलों के लिए फंड उनके पास आ चुका है। सभी स्कूलों में फंड डालने का काम अगले दो दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। सिंह ने कहा कि उनके पास जैसे ही पीछे से फंड आता है, उसे तुरंत संबंधित खातों में डलवाया जाता है, ताकि उनके स्तर पर एक दिन की भी देरी न हो। उन्होंने माना कि सत्र पूरा होने के बाद यह फंड उनके पास आया है। 
34 लाख रुपए का है फंड 
शाहाबाद ब्लॉक के कुल 192 स्कूलों में 13 हजार के करीब विद्यार्थी पढ़ते हैं। इस हिसाब से फीस, स्टेशनरी और बैग फंड मिलाकर कुल 34 लाख रुपए के करीब बनते हैं। वहीं अकेले शाहाबाद ब्लॉक का एसएमसी फंड भी 96 हजार रुपए का बनता है। इससे साफ है कि लाखों रुपए के फंड को जारी करने में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किस कदर लापरवाही बरती है। शिक्षकों ने इस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है, ताकि भविष्य में यह लेटलतीफी रुक सके।                                          db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.