गोहाना : हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) राज्य सरकार के विश्वासघात की सजा विद्यार्थियों को नहीं देगी। इसके लिए उत्तर पुस्तिकाओं के स्थल मूल्यांकन का बहिष्कार नहीं किया जाएगा। लेकिन सरकार का विरोध अवश्य होगा जिसकी रणनीति बुधवार को यहां सम्पन्न प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में तय कर ली गई। इस रणनीति का खुलासा प्रदेश में संसदीय चुनाव सम्पन्न होने के बाद होगा। राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय में आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष दयानंद दलाल ने दुख व्यक्त किया कि प्रदेश सरकार ने हसला को धोखा दिया है।
उनके अनुसार नवम्बर में जब पहले सेमेस्टर की परीक्षा के स्थल मूल्यांकन का बहिष्कार किया गया था, तब 28 नवम्बर को शिक्षा की प्रधान सचिव और वित्तायुक्त सुरीना राजन ने कहा था कि हसला की मांगों को लेकर गठित कमेटी 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट दे देगी, लेकिन वह रिपोर्ट 5 महीने बाद भी नहीं आई है। दलाल ने कहा कि हसला नहीं चाहती कि वह दूसरे व अंतिम सेमेस्टर के लिए दोबारा से उत्तरपुस्तिकाओं के स्थल मूल्यांकन के बहिष्कार जैसा कठोर निर्णय करे और उससे परीक्षा परिणाम लटकने से बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़े। लेकिन गोहाना बैठक में हसला ने अपनी मांगें मनवाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। इस रणनीति को संसदीय चुनाव हो जाने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष ने 5 अप्रैल से 14 अपै्रल तक होने जा रही रबी कटाई अवकाश को भी रद्द करने तथा इन्हें ग्रीष्मावकाश से पहले करने की मांग की। dt
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