चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक फसली अवकाश के दौरान दसवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य नहीं करेंगे। शिक्षकों ने यह निर्णय शिक्षा विभाग की मनमानी को देखते हुए लिया है। इससे रिजल्ट समय से घोषित करने में पेंच फंसना तय है।
शिक्षक संगठनों का आरोप है कि विभाग ने फसली अवकाश के मुद्दे पर वादाखिलाफी की है। वे 5 से 14 मार्च तक फसली अवकाश किए जाने से खफा हैं। उन्होंने इन छुट्टियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के साथ करने की मांग की थी। शिक्षा विभाग ने इसे मान भी लिया था और फसली अवकाश को इसमें शामिल करते हुए पहली जून से होने वाले ग्रीष्मकालीन अवकाश 22 मई से 30 जून तक करने का पत्र भी जारी कर दिया था, लेकिन बीते सोमवार को विभाग ने अपना निर्णय पलटते हुए 5 अप्रैल से ही फसली अवकाश करने की अधिसूचना जारी कर दी है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग ने उनसे धोखा किया है। इसलिए वह फसली अवकाश के दौरान दसवीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार करेंगे। छुट्टियों के बाद ही काम को अंजाम दिया जाएगा।
दाखिला प्रक्रिया पर पड़ेगा प्रभाव
हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा है कि विभाग ने अपना निर्णय न बदला तो उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार तय है। इससे रिजल्ट देरी से घोषित होगा। स्कूलों में चल रही दाखिला प्रक्रिया पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। विभाग को जल्द अपना निर्णय वापस लेना चाहिए।
उधर, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के तुगलकी फरमान स्कूली शिक्षा के हित में नहीं हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या पहले ही कम हो रही है। दाखिला प्रक्रिया के दौरान फसली अवकाश होने से अभिभावकों का रूझान निजी स्कूलों की ओर बढ़ेगा। dj
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