** 14403 रुपए महीना निर्धारित, कंप्यूटर शिक्षकों को मिल रहे केवल 11613 रुपए
सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को कम्प्यूटर सिखाने के लिए आउटसोर्स सर्विस एजेंसी के माध्यम से शिक्षक लगाए गए हैं, लेकिन इन्हें सरकार की तरफ से निर्धारित वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। सरकार ने शिक्षकों को 14,403 रुपए महीने का एग्रीमेंट किया है लेकिन मिल रहा है इससे कम। आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना में स्पष्ट हुआ है।
सूचना के अनुसार सर्विस एजेंसी शिक्षकों को सिर्फ 11,613 रुपए या फिर इससे कम वेतन दे रही है। शिक्षकों के हाथ में ईएसआई व अन्य चार्जेस कटने के बाद दस हजार से भी कम राशि आती है। सर्विस एजेंसी हर महीने किसी शिक्षक को 2,790 रुपए तो किसी को 2,600 रुपए नहीं दे रही है। इस समय जिले में 160 कम्प्यूटर शिक्षक विद्यालयों में कार्यरत है। इस तरीके से एजेंसी शिक्षकों के वेतन से हर महीने 4 लाख से अधिक रुपए कमा रही है। वहीं दूसरी तरफ पूरा वेतन न मिलने से सभी शिक्षक परेशान हैं। शिकायत करने के बाद भी अभी तक मामले का हल नहीं निकला है।
आरटीआई में हुआ यह खुलासा
कम्प्यूटर शिक्षकों को हर महीने सरकार की तरफ से कितनी राशि दी जा रही है। इसका खुलासा आरटीआई के तहत सूचना मांगने पर हुआ है। कम्प्यूटर शिक्षकों ने सेकेंडरी शिक्षा निदेशक से 11 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी। इसमें शिक्षकों ने नियुक्ति से लेकर सरकार की तरफ से निर्धारित वेतन के बारे में जानकारी मांगी थी। निदेशक ने बताया कि प्रति फैकल्टी 14,403 रुपए देने का एग्रीमेंट किया गया है। यह भी बताया कि विभाग ने सिक्योरिटी के बारे में कोई एग्रीमेंट नहीं किया है।
सीधी बात (अमित कुमार, प्रोजेक्टर मैनेजर, भूपेन्द्रा सोसाइटी)
सवाल : सरकार की तरफ से प्रत्येक महीने शिक्षकों को कितना वेतन मिल रहा हैं ?
जवाब: शिक्षकों द्वारा आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना के आधार पर सरकार ने 14,403 रुपए वेतन निर्धारित कर रखा है। इसी में कम्पनी का सर्विस चार्जेस भी जुड़ा हुआ है। विभाग की शर्तों के अनुसार कम्पनी 2,403 रुपए काट लेती है।
सवाल : सरकार की तरफ से निर्धारित वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा हैं ?
जवाब : शिक्षकों की ज्वाइनिंग के समय ही टेंडर के समय 12 हजार रुपए देने की बात स्पष्ट कर दी गई थी। वेतन का निर्धारण कम्पनी का एचआर विभाग करता है।
सवाल : टेंडर की शर्तों पर भी शिक्षकों को वेतन क्यों नहीं दिया जा रहा हैं ?
जवाब : टेंडर की शर्तों पर ही शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है। प्रिसिंपल द्वारा प्रत्येक महीने शिक्षकों की उपस्थिति भेजी जाती है। इसी के अनुसार ही वेतन का निर्धारण किया जाता है।
हमारी नहीं कोई जिम्मेदारी
"कम्प्यूटर शिक्षकों की तैनाती विद्यालयों में एजेंसी के माध्यम से हुई है। कम्पनी का एग्रीमेंट पंचकुला कार्यालय से हुआ है। इन शिक्षकों के बारे में मुख्यालय से जो भी आदेश आते है, वहीं माने जाते है। इसलिए शिक्षकों के मामले में हम कुछ नहीं कह सकते है। हमारे शिक्षकों का काम सिर्फ वेतन बिल बनाकर भेजना होता है, जो कि विद्यालय के हेडमास्टर बनाकर भेज देते हैं।"--बलवंत सिंह, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, रोहतक।
16 मई से धरने पर बैठने की चेतावनी
सरकार की तरफ से निर्धारित वेतन न दिए जाने से अब कम्प्यूटर शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति बनाई है। कम्प्यूटर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जगजीत नांदल ने कहा कि वे शिक्षकों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे। 16 मई से हम लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने जा रहे हैं। इसमें शिक्षा विभाग के अधीन करने के अलावा वेतन सहित अन्य समस्याएं है। कम्पनी के अधिकारी लोगों को टेंडर में निर्धारित वेतन भी नहीं दे रहे हैं। एजेंसी की तरफ से हम लोगों के वेतन में से जो भी रुपए काटे जा रहे हैं। वह पूरी तरीके से गलत है। dbrtk
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