रोहतक : गलती सिर्फ बच्चे ही नहीं करते, बड़े भी करते हैं और झूठ बोलने पर बहाने भी बनाते हैं। कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला में बुधवार को एमडीयू के टैगोर सभागार में 11 जिलों के शिक्षकों ने बच्चे बनकर ही बच्चों को पढ़ाना सीखा।
लंच के पहले कार्यशाला के दौरान गतिविधियों द्वारा बच्चों की समझने के लिए कई एक्सरसाइज करवाई गई। एक टीचर की झूठ पकड़ी गई तो उन्होंने सुरीना राजन के सामने हाथ जोड़कर पीछा छुड़वाया।
इस तरह पकड़ी गई टीचर की झूठ
टीचर्स को सभागार में उपस्थित चीजों को देखकर उन्हें कागज पर लिखने को कहा गया। किसी ने सभागार में 12, किसी ने 15 तो किसी ने 25 चीजें बताई। एक टीचर ने जब 40 बोला तो शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन ने उन्हें नाम बताने को कहा तो उनकी चोरी पकड़ी गई। टीचर से पूछा गया कि अगर कोई बच्चा ऐसे करता तो आप क्या करते? पीछे की सीट से आवाजें आई-माफ ही करते ना! टीचर ने भी हाथ जोड़कर सॉरी बोली और मामला निपटा दिया। कार्यक्रम में कविता द्वारा मेमोरी टेस्ट व रुमाल झपट्टा खेल में बच्चे बन टीचरों ने लुत्फ उठाया। शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव सुरीना राजन कार्यक्रम में खुद एक घंटे लेट पहुंची थी इसलिए उन्होंने लंच के बाद ही अपने विचार रखे।
सुमेधा कटारिया ने कहा-अब टीमवर्क पर टीचर को मिलेंगे 20 नंबर
11 जिलों से आए शिक्षकों, स्कूल मुखियाओं और अधिकारियों को संबोधित करते हुए सरीना राजन ने कहा कि क्लास के माहौल को रुचिपूर्ण बनाने व बोझिलता से दूर करने के लिए ही कक्षा तत्परता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बढ़ाने व भविष्य के लिए बच्चों को तैयार करना है। इसके लिए टीचर को भी रोल मॉडल की भूमिका निभानी चाहिए। कार्यशाला में अतिरिक्त निदेशक सुमेधा कटारिया ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जोर देते हुए कहा कि शिक्षकों के आत्म मूल्यांकन की भी आवश्यकता है और इसके लिए भी प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है। उन्होंने मूल्यांकन के माध्यम पर चर्चा करते हुए बताया कि साल के अंत में एकेडेमिक गतिविधि पर 50 नंबर, एक्स्ट्रा एकेडेमिक गतिविधि पर 20, टीमवर्क पर 20 व व्यवहार पर 10 नंबर दिए जाएंगे। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा लाइब्रेरी के प्रयोग, प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता, खेल खेल में शिक्षा, अभिव्यक्ति प्रतियोगिता पर जानकारी देते हुए कक्षा तत्परता कार्यक्रम पर चर्चा की गई। शिक्षा विभाग के योगेन्द्र राणा ने बताया कि इस मौके पर मुख्य अतिथि ने प्रतिभाशाली शिक्षकों व सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े कर्मचारियों व स्कूल मुखियाओं को सम्मानित किया। dbrtk
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