हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन की लम्बित मांगों पर विभाग के अडिय़ल रवैये से मास्टर वर्ग में भारी रोष व्याप्त है। विभाग द्वारा मास्टर वर्ग को पदोन्नति दिए जाने से पहले रेशनेलाइजेशन करने की बात पर अड़े रहने से यह मामला अब सुलझता नजर नहीं आ रहा है।
मास्टर वर्ग का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को चंडीगढ़ में शिक्षा निदेशक से अपनी मांगों को लेकर मिला। शिक्षा निदेशक द्वारा राज्य मास्टर वर्ग के प्रतिनिधि मंडल को कुछ मांगे मानने पर अपनी मोहर लगा दी है। परन्तु पदोन्नति का मामला अभी भी उलझा हुआ है। मास्टर वर्ग एसोसिएशन के प्रधान वीर विक्रम भालोठिया ने बताया कि हमारी राज्य इकाई का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी लम्बित मांगों को लेकर चंडीगढ़ में शिक्षा निदेशक से मिला। जहां मास्टर वर्ग ने अपनी अनेक समस्याएं उनके सामने रखी।
ये हैं प्रमुख समस्याएं
मास्टर वर्ग की मांगों में 5500 के लगभग पदस्थ मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों को आहरण एवं वितरण अधिकार देना, पदों को वर्ग दो राजपत्रित अधिकारी घोषित कर 5400 ग्रेड पे देना, लगभग 1000 खाली पड़े उच्च विद्यालय मुख्य अध्यापकों के पदों को तुरंत भरना, लगभग 3000 के करीब खाली मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापक के पद पर मास्टर वर्ग से पदोन्नति देकर भरना,एसीपी की शक्तियां पूर्ण रुप से जिला स्तर पर देना, मास्टर वर्ग से स्कूल प्रवक्ता पद पर तुरंत पदोन्नत करना, विज्ञान अध्यापकों के लिए प्रवक्ता पदोन्नति के लिए शिक्षण विषय की शर्त हटाना, संशोधित वरिष्ठता सूची तुरंत जारी करना व शिक्षा अधिकार अधिनियम के अनुसार प्रत्येक विषय का अध्यापक नियुक्त करना शामिल है। उपरोक्त बातों को लेकर संगठन के राज्य पदाधिकारी शिक्षा निदेशक से मिलकर समाधान के लिए प्रयास करेगा। यदि कोई समाधान नहीं निकला तो संगठन आगामी रणनीति की घोषणा 20 अप्रैल कर राज्य कार्यकारिणी की जींद बैठक के बाद करेगा।
इन मांगों को माना
शिक्षा निदेशक ने शिष्टमंडल से मुलाकात पर स्वतंत्र मिडल स्कूल के मुख्य अध्यापकों को डीडी पावर देने के साथ-साथ उच्च एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों से संबद्ध मिडल स्कूल के मुख्य अध्यापकों को भूमिका और उत्तरदायित्व से संबंधित पत्र शीघ्र ही जिला स्तर पर भेजे जाने की मांगे मान ली है। dbmhndrgrh rwd
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