तालमेल कमेटी के सदस्य सुभाष लांबा व अमर सिंह यादव ने कहा है कि सरकार की ओर से 27 फरवरी को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लो ने कर्मचारियों की मांगें मानने का ऐलान तो कर दिया था लेकिन इन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पिछले साल १० नवंबर को गोहाना रैली के दौरान अकुशल कर्मचारियों को 8100 रुपए न्यूनतम वेतनमान देने और उनकी ईपीएफ व ईएसआई की रकम सरकार की ओर से जमा कराने की घोषणा की थी। इसे भी लागू नहीं किया गया। लांबा के अनुसार सरकार कर्मचारियों को केंद्र के समान वेतनमान व भत्ते देने और मिनिस्ट्रियल स्टाफ व पुलिस कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतन देने के प्रति गंभीर नहीं है। कर्मचारी अंतरिम राहत की बजाय ग्रेड-पे में बढ़ोतरी चाहते हैं। अगर सरकार ने इन मांगों को जल्दी लागू नहीं किया तो कमेटी आगे की रणनीति तय करने को मजबूर हो जाएगी।
27 फरवरी को सरकार ने ये मांगें की थी मंजूर
कुशल व अर्धकुशल कर्मचारियों का वेतनमान बढ़ाना, राज्य कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा देना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना व उन पर दर्ज सभी केस वापस लेना, 10-20-30 की जगह 8-16-24 वर्ष की सेवा के बाद एसीपी का लाभ देना और एसीपी के बाद ग्रेड-पे बढ़ाना। db
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