** अनदेखी : सीडीएलयू में अर्थशास्त्र के छात्र की उत्तरपुस्तिका में दो उत्तरों के नहीं जांचने और नंबर नहीं देने का मामला
सिरसा : 70 नंबर के अर्थशास्त्र के पेपर में पास होने के लिए चाहिए थे 28 अंक। छात्र के आए 22 नंबर। 6 नंबरों से फेल हो गया। फेल होने पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। इसलिए आरटीआई मांग ली। जब उत्तरपुस्तिका देखी तो माथा ठनक गया। चेक करने वाले गुरुजी को कोसा, जिसने आंखें बंद करके पेपर चेक किए और 16 अंकों के दो प्रश्न चेक ही नहीं किए। अब छात्र सीडीएलयू को ही कानूनी नोटिस भेजने की तैयारी में है। हालांकि इसमें दोष सीडीएलयू का नहीं बल्कि पेपर चेक करने वाले एग्जामिनर का है। मगर नाम सीडीएलयू का बदनाम हो गया और भविष्य छात्र का।
ये है मामला
सीडीएलयू के एमएससी अर्थशास्त्र द्वितीय वर्ष के छात्र गुरप्रीत सिंह ने 16 मई 2013 को सांख्यिकी की परीक्षा दी। रोल नंबर 11150350001 था। जब रिजल्ट आया तो गुरप्रीत फिर से फेल हो गया। उसे कुल अंक 70 में से 22 अंक मिले थे। छात्र ने आरटीआई के तहत सीडीएलयू से परीक्षा की उत्तरपुस्तिका मांगी तो कापी देख होश उड़ गए। क्योंकि तीन बड़े प्रश्न पत्रों में से केवल दो ही प्रश्न पत्र को जांच गया था। 14 नंबर के आठ नंबर प्रश्न को जांचा ही नहीं गया। उल्टा एग्जामिनर ने अवार्ड शीट में आठ नंबर प्रश्न के सात अंक दर्शा दिए। जो कि वास्तविकता में नौ नंबर प्रश्न के थे। वहीं प्रश्न नंबर एक के (जी पार्ट) दो अंकों के प्रश्न भी चेक नहीं किए गए। अब छात्र सीडीएलयू को काननूी नोटिस भेजने की तैयारी में है।
मई में होगी दोबारा परीक्षा
छात्र अब द्वितीय वर्ष सांख्यिकी रिअपीयर की परीक्षा के लिए तीसरी बार मई में परीक्षाओं में बैठेगा। अबकी बार छात्र का अंतिम चांस है। यदि वह फेल हो गया तो फिर उसे जुर्माना भरकर वाइस चांसलर से मर्सी चांस ही मिल सकता है।
चेक करा देंगे : मेहता
"यदि किसी टीचर की गलती के कारण प्रश्न चैक नहीं हुए तो छात्र एप्लीकेशन दें। उन प्रश्नों की मार्किंग करवा दी जाएगी। छात्र का भविष्य बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। छात्र को उसका हक जरूर मिलेगा।"--रमेश मेहता, डिप्टी रजिस्ट्रार, परीक्षा शाखा, सीडीएलयू। db
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