शिक्षा विभाग शनिवार से स्कूलों में कक्षा तत्परता कार्यक्रम शुरू करेगा। इसे लेकर टीचरों को रोहतक में ट्रेनरों द्वारा ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। कार्यक्रम मई माह के अंतिम सप्ताह तक चलेगा।
इस दौरान बच्चों को एक्टिवटी आधारित शिक्षा दी जाएगी। इस बार कार्यक्रम में पाठ्यक्रम को भी शामिल किया गया है। जिससे बच्चों को कार्यक्रम का अधिक फायदा हो सके। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने कार्यक्रम तैयार किया है। विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम के कुछ अंशों को शामिल किया है, ताकि जिन स्कूलों में किसी कारण से किताबें न पहुंची तो ऐसी स्थिति में बच्चों को इस कार्यक्रम का फायदा मिल सके। कक्षा एक से 12वीं के छात्रों को नए सत्र की शुरुआत में विशेष कक्षाएं लगाई जाएगी। जिससे बच्चों की इसमें रूचि बनें और वह पढ़ाई को लेकर आनाकानी न करे। बच्चों को अलग-अलग दिन किसी भी टापिक पर कार्य दिया जाएगा। जिससे उनकी सृजन क्षमता में विकास हो सके। इस कार्यक्रम को शनिवार से स्कूलों में शुरू किया जाएगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
पहुंची किताबों की खेप
सरकारी स्कूलों में सीआरपी के तहत किताबें उपलब्ध कराई जा रही है। बीते वर्ष किताबें काफी देरी से स्कूलों में पहुंची थी। जिसके कारण टीचरों के साथ-साथ बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा था। किताबे लेट होने पर शिक्षा विभाग की भी काफी किरकिरी हुई थी, पिछली बार से सबक लेते हुए विभाग ने इस बार एडमिशन के साथ ही बच्चों को किताबें उपलब्ध करानी शुरू कर दी थी। अब तक स्कूलों में तीन खेप पहुंच चुकी है।
"कार्यक्रम के लिए मॉड्यूल तैयार कर स्कूलों में भेज दिया है। बीते वर्ष भी ब्लाक में कार्यक्रम को बेहतर तरीके से चलाया था। इस बार भी कार्यक्रम को बेहतर तरीके से चलाया जाएगा। शिक्षकों को रोहतक में बनाए गए सेंटर में ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें कार्यक्रम से संबंधी जानकारी दी गई है।''--कुलदीप दहिया, बीईओ, सोनीपत dbsnpt
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