चंडीगढ़ : 322 दिन में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो शिक्षक भर्ती से संबंधित मामलों में जल्दी फैसला दे ताकि भर्ती में और ज्यादा विलंब न हो। साथ ही कोर्ट ने विभाग को भी तेजी से नियुक्तियां देने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 मार्च 2012 को यह निर्णय दिया था कि नियमित शिक्षकों की भर्ती 322 दिन की तय समय सीमा में पूरी की जाए लेकिन आदेशों पर दो साल बीतने पर भी पूर्ण अमल नहीं हो पाया। वजह, भर्ती बोर्ड व जेबीटी भर्ती मामले में लंबे समय तक हाई कोर्ट में स्टे लगे होने के चलते प्रक्रिया लटकी रही। जेबीटी भर्ती का मामला तो अभी भी हाई कोर्ट में लटका हुआ है जिसके चलते परिणाम घोषित करने में विलंब हो रहा है।
शिक्षक भर्ती में सरकार के इस रवैये से खफा होकर पात्र अध्यापक संघ ने 2012 में अवमानना याचिका दाखिल कर दी जिस पर सुनवाई चलती रही। अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया कि सरकार अतिथि अध्यापकों को बनाये रखने के फेर में जानबूझ कर भर्ती में धीरे-धीरे कदम उठा रही है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसएस निज्जर व जस्टिस एके सिकरी पर आधारित खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वो भर्ती संबंधी मामलों पर तेजी से फैसला दे और उसके बाद सबंधित विभाग तेजी से चयनित शिक्षकों को नियुक्तियां दे। dj
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