प्रदेश के सबसे खर्चीले विभागों में अव्वल शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन देने के मामले में फिसड्डी निकला। विभागीय सर्वे के मुताबिक हरियाणा का अन्य राज्यों की तुलना में दसवां, जबकि विद्यार्थियों में सुनने एवं सीखने के कौशल स्तर में 15वां स्थान है।
यही वजह है कि शिक्षा में गुणवत्ता एवं गुणात्मक सुधार न होने के कारण सरकारी स्कूल, निजी स्कूलों से आगे निकलने की दौड़ में पिछड़ते जा रहे हैं। बता दें कि शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने सीआरपी कार्यशाला के दौरान उन आंकड़ों पर चिंता जताई थी।
यह है एलएलएल :
एलएलएल यानी लर्निग एवं लिसनिंग लेवल। सरकारी स्कूलों में इसकी कमी का खमियाजा शिक्षा पर पड़ रहा है। शिक्षक, विद्यार्थियों में सीखने और सुनने के कौशल को निखार पाने विफल साबित हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग ज्यादा खर्चीला :
वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव सुरीना राजन ने स्वीकार किया कि शिक्षा विभाग अन्य विभागों के मुकाबले ज्यादा खर्चीला है। बावजूद इसके सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन देने में अभी पिछड़े हुए हैं। इसके लिए प्रयासरत है। djhsr
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