गुड़गांव : स्कूलों में शिक्षा के स्तर को जांचने व इसे सुधारने की दिशा में कार्य करने के लिए निदेशालय ने एक और योजना बनाई है। इस योजना के तहत स्कूलों में होने वाले मासिक टेस्ट को अब आंकलन का जरिया बनाया जाएगा। इसी योजना पर हाल ही में हुए निदेशालय की एक बैठक में निर्णय लिया गया। इसके तहत अब स्कूलों में पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों का टेस्ट लिया जाएगा। टेस्ट के आधार पर विभिन्न इलाकों का प्रतिशत के आधार पर आंकलन होगा व उन एरिया में इसी आधार पर सुधार किया जाएगा।
निदेशालय में तय होगा फार्मेट
स्कूली शिक्षा निदेशालय की तरफ से आए निर्देशों के तहत स्कूलों में मासिक टेस्ट के तौर पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जो मूल्यांकन होगा उसका फार्मेट निदेशालय से ही बन कर आएगा। यह टेस्ट हर महीने होगा। पेपर का फार्मेट निदेशालय व एससीईआरटी (राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) बनाएगा।
मूल्यांकन का आधार
मासिक टेस्ट हर विषय का व हर क्लास के विद्यार्थियों का होगा। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होगा व फिर इसी आधार पर विभिन्न इलाके को प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। इलाके के आधार पर एक से पचीस प्रतिशत, 26-50 प्रतिशत, 51 से 75 प्रतिशत, 76 से 90 प्रतिशत, 91 से 100 प्रतिशत। इन प्रतिशत की रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी।
मासिक पाठ्यक्रम
इस मूल्यांकन के लिए उसी महीने के पाठ्यक्रम की मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा। इस बारे में बताते हुए एससीईआरटी के टेस्ट एवं एसेसमेंट सेल के प्रभारी सुनील बजाज व डा. मनोज शर्मा ने कहा कि फिलहाल इस बारे में कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं कि पाठ्यक्रम कितना होगा। हालांकि मंथली टेस्ट का मतलब ही होगा कि उसी महीने पढ़ाए गए पाठ्यक्रम का मूल्यांकन होगा। इस टेस्ट का क्लास टीचर ही लेंगे।
सुधार की दिशा में होगा कार्य
इस मूल्यांकन की रिपोर्ट के आधार पर कमजोर परिणाम वाले स्कूलों व इलाकों में कमियों को ढूंढा जाएगा कि किस वजह से परिणाम खराब आया है। उन कमियों को ढूंढ कर उनपर काम किया जाएगा ताकि आने वाले समय में इन स्कूलों में भी शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके। dj
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