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Wednesday, 10 December 2014

निजी हाथों में छह प्राइमरी स्कूल

चंडीगढ़ : प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए मनोहर सरकार भी पूर्व हुड्डा सरकार के ही नक्शेकदम पर चल रही है। सरकार भले ही इसे शिक्षा का स्तर सुधारने से जोड़कर देख रही हो, लेकिन शिक्षक इसे शिक्षा का निजीकरण मानते हैं। शिक्षा के निजीकरण का सवाल शिक्षकों ने एक बार फिर इसलिए उठाया है, चूंकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल के छह प्राइमरी स्कूलों का रखरखाव सरकार ने भारती फाउंडेशन को सौंपने का निर्णय लिया है। सरकार इन स्कूलों को फाउंडेशन के सहयोग से विकसित करेगी। सरकार का मानना है कि स्कूलों में स्टाफ के साथ-साथ सभी सुविधाएं हैं, बावजूद इसके राजकीय स्कूलों के विद्यार्थी अन्य माडल स्कूलों की अपेक्षा काफी पीछे हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए ये कदम उठाया गया है। राजकीय स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा को बढ़ावा देने तथा विद्यार्थियों के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए जिले में भारती फांउडेशन का सहयोग लिया जा रहा है

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