पानीपत : हरियाणा कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचसीटीए) की वैधानिक कंवेंशन में 98 संबद्ध कॉलेजों के डेलीगेट्स ने भाग लिया। इसमें सर्वसम्मति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सेमेस्टर प्रणाली को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने की मांग की साथ ही शिक्षा के ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यह जानकारी एचसीटीए के महासचिव आरपी सैनी ने दी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम अपने वांछित उद्धेश्यों व गुणात्मक उच्च शिक्षा के ध्येय को प्राप्त करने में पूरी तरह से विफल है। उच्च शिक्षा पर सेमेस्टर प्रणाली का कुठराघात किया गया। कंवेंशन में सदस्यों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया कि इसे तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। घटती कक्षाओं व व्याख्यानों की संख्या, गिरते छात्र शिक्षक अनुपात, समयाभाव में एनसीसी, एनएसएस व सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन न किया जाना, कॉलेजों में स्टाफ काउंसिल व विभाग काउंसिल के गठन में कठिनाई तथा परीक्षा तंत्र विफल होने पर चिंता व्यक्त की गई। विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए इसे तुरंत प्रभाव से समाप्त कर वार्षिक प्रणाली को लागू करने की मांग की। उन्होंने बताया कि सेल्फ फाइनेंस टीचर के शोषण की समस्या को गंभीरता से उठाया गया। एचसीटीए वर्तमान में उनकी समस्याओं, सैलरी व सेवा सुरक्षा को लेकर अत्यंत चिंतित है। सरकार कॉलेजों में कार्यरत सेल्फ फाइनेंस टीचर्स को लेकर कोई योजना व एक्ट शीघ्र लागू करे। उच्च शिक्षा के पतन में शोषण काफी हद तक जिम्मेदार है। सर्विस सिक्योरिटी एक्ट ही इसका एकमात्र समाधान है। जिसे तुरंत प्रभाव से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि एचआरए की वर्तमान व्यवस्था व नीति हरियाणा में दोषपूर्ण है।
सीएम के समक्ष रखेंगे अपनी बात
महासचिव डॉ. आरपी सैनी ने बताया कि इन सभी प्रस्तावों को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्च शिक्षा विजयवर्धन को ज्ञापन सौपेंगे। उच्च शिक्षा के संवर्धन के लिए निष्ठा से कार्य करेंगे। dj
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