.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

Tuesday, 3 February 2015

जेब ढीली करेगा छात्रों का ऑनलाइन रिजल्ट

** मासिक मूल्यांकन परीक्षा का रिजल्ट ऑनलाइन कराने में प्रति छात्र दस रुपये आएगा खर्च
चंडीगढ़ : प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों की मासिक मूल्यांकन परीक्षा का रिजल्ट अपनी जेब से पैसा खर्च कर शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन कराना होगा। प्रत्येक छात्र का परिणाम ऑनलाइन कराने में दस रुपये खर्च आएगा। शिक्षा विभाग के इस फरमान से प्राथमिक शिक्षक पशोपेस में हैं।
प्राइमरी के बाद मिडिल स्कूलों में भी विभाग यह प्रथा शुरू करने की तैयारी में है। विभाग ने अगर ये आदेश वापस नहीं लिए तो शिक्षकों को रिजल्ट ऑनलाइन कराने के लिए अपनी जेब से लाखों रुपये भरने होंगे। पहली से आठवीं तक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगभग 12 लाख है, जबकि सरकारी शिक्षक 32 हजार और गेस्ट टीचर्स 6 हजार कार्यरत हैं। अभी फिलहाल पहली से पांचवीं तक के शिक्षकों को ही जेब से रिजल्ट ऑनलाइन कराने के लिए पैसा देना होगा।
प्राथमिक स्कूलों में लगभग आठ लाख छात्र और लगभग तीस हजार के आसपास शिक्षक हैं। विभाग के आदेश से शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। चूंकि हर महीने जेब से पैसे देने पड़े तो वेतन का एक बड़ा हिस्सा इसी में चला जाएगा। सेकेंडरी शिक्षा विभाग के तकनीकी अधिकारी एस बांगड़ ने प्राथमिक स्कूलों की सभी कक्षाओं का परिणाम 2 फरवरी तक ब्लॉक स्तर पर जमा कराने के आदेश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि रिजल्ट को ऑनलाइन कराने का सारा खर्च शिक्षकों को देना होगा। आदेश गले न उतरने पर अधिकांश स्कूलों ने अभी तक रिजल्ट ऑनलाइन कराने के लिए जेब से राशि नहीं दी है। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद आठवीं कक्षा तक किसी भी बच्चे से कोई फीस नहीं वसूली जाती है। 
पहली से पांचवीं कक्षा तक सालाना 36 रुपये प्रति बच्चा विभाग की ओर से स्कूल को दिए जाते हैं। इसमें 24 रुपये सीडब्ल्यूएफ., 5 रुपये भवन फंड, 2 रुपये पीटीए फंड, 5 रुपये खेल फंड होता है। इससे ही स्कूलों में बच्चों के लिए टाट-पट्टी भी खरीदी जाती है। ऐसे में अब विभाग के नए आदेशों ने शिक्षकों के लिए मुसीबत पैदा कर दी है। स्कूलों के पास फंड वैसे ही नहीं होता, ऊपर से अब रिजल्ट भी ऑनलाइन कराना होगा। 
जेब से पैसा नहीं खर्च सकते शिक्षक : गोस्वामी 
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य महासचिव दीपक गोस्वामी ने कहा कि शिक्षा विभाग की आधी अधूरी तैयारी ने मासिक परीक्षाओं के आयोजन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षक अपनी जेब से इतना पैसा खर्च नहीं कर सकते। विभाग को चाहिए कि इसकी कोई व्यवस्था करे। प्राथमिक स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा भी नहीं है। इन आदेशों को विभाग तुरंत प्रभाव से वापस ले।                                         dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.