प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व जिला प्रधान रोशन लाल पंवार ने बताया कि पिछले कई वर्षों से विभाग ने शिक्षा का अधिकार कानून लागू करने के बाद परीक्षाआें पर रोक लगा रखी थी। इससे विद्यार्थी बिना परीक्षा पास किए ही अगली कक्षाआें में भेज दिए जाते थे। फेल न करने तथा परीक्षा रहित मूल्यांकन की चौतरफा आलोचना होने के कारण अब शिक्षा विभाग तथा सरकार शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद में जुटे हैं। प्रथम प्रयास में विभाग ने कक्षा एक से पांच के विद्यार्थियों की परीक्षा ली है। शिक्षा विभाग का यह कदम तो सराहनीय है कि बच्चों का शैक्षिक स्तर जांचने के लिए परीक्षाआें का आयोजन अनिवार्य है, लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या परीक्षाआें के परिणाम के आधार पर न्यूनतम स्तर प्राप्त न करने वाले छात्रों को फेल भी किया जाएगा या उन्हें पिछले वर्षों की तरह अगली कक्षा में दाखिला मिल जाएगा। dt
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