.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Friday, 7 August 2015

माहवार परीक्षाओं में फेल हुए तो नहीं मिलेगी नकद राशि


** सख्ती : शिक्षा विभाग ने माहवार परीक्षाओं के लिए जारी किए आदेश
कुरुक्षेत्र : कांग्रेस सरकार ने पिछले दस वर्षों में सरकारी स्कूलों में जितनी सुविधाएं गरीब और अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दी थी भाजपा उनको नियमों में बांध कर कम कर रही है। अब स्कूलों में माहवार दी जाने वाले विद्यार्थियों की छात्रवृति को भी प्रदेश सरकार ने नियमों में बांध दिया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में स्कूलों को सूचित किया गया है कि जो विद्यार्थी माहवार परीक्षाओं में फेल होंगे, उनकी उस माह की छात्रवृति को रोक लिया जाएगा। कुछ दिन पूर्व ही शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में माह के अंत में सिलेबस को पूरा कर परीक्षा लेने के आदेश दिए थे। जिन्हें स्कूल प्रशासन की ओर से ऑनलाइन भी डालना है। 

प्रदेश सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पिछले कुछ वर्षों में सुविधाओं का पिटारा खोला गया था। जिसके स्कूलों में खाने की व्यवस्था और फिर नकद राशि भी देनी शुरू कर दी। जिसमें शिक्षा विभाग की ओर से अनुसूचित जाति की छात्रओं को प्रतिमाह 150 रुपये, छात्रों को 100 रुपये मिलते थे, जबकि पिछड़ा वर्ग के छात्रों को 75 रुपये और छात्रओं को 150 रुपये जबकि बीपीएल छात्रों को 75 रुपये और बीपीएल छात्रओं को 150 रुपये प्रतिमाह नकद राशि प्रदान की जा रही थी। प्रदेश शिक्षा विभाग ने अब इस पर अपनी नजर गढ़ा ली है। 
विभाग ने पहले तो स्कूलों में प्रति माह परीक्षा लेने के आदेश जारी किए। शिक्षक परीक्षाओं के नाम हीलाहवाली न करें इसके लिए परीक्षा परिणाम को ऑनलाइन डालने की व्यवस्था की गई। जिसके बाद शिक्षकों के सामने समस्या खड़ी हो गई कि आधे से अधिक छात्र तो स्कूलों में परीक्षा देने आ ही नहीं रहे हैं। 
शिक्षा विभाग ने छात्रों पर इस मामले को सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। विभाग की ओर से स्कूलों में पत्र भेजकर बताया गया है कि जो विद्यार्थी परीक्षा में भाग नहीं लेता है और लेने के बाद भी फेल हो जाता है उसकी उस माह की छात्रवृति को बंद कर दिया जाए।
सिलेबस तैयार
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में भी सिलेबस को 12 महीनों में बांट दिया है। माह पूरा होते ही उसी सिलेबस में से परीक्षा का आयोजन करना है। अब तक ऐसा सिर्फ निजी स्कूलों में ही होता था कि माह में सिलेबस पूरा करना होता था। जिसके बाद परीक्षा का आयोजन कर अभिभावकों तक को सूचित किया जाता है। राजकीय अध्यापक संघ के जिला महासचिव पवन मित्तल का कहना है कि इससे छात्रों में शिक्षा की ओर रूझान बढ़ेगा।                                                                               dj

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.