अंबाला : 7223 पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा आयोग से
हटाकर स्टेट प्लान में शामिल कर लिया गया है। पहले इन शिक्षकों को 60 फीसद
वेतन केंद्र और 40 फीसद वेतन राज्य सरकार देती थी। केंद्र से पैसा नहीं आने
के कारण इन शिक्षकों का चार से छह माह का वेतन अटका पड़ा था। उन्हें स्टेट
प्लान में शामिल करने से प्रदेश सरकार पर हर माह करीब 17 करोड़ 75 लाख
रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। बुधवार देर शाम शिक्षा विभाग ने इन सभी
शिक्षकों को स्टेट प्लान के तहत शामिल कर सभी शिक्षा अधिकारियों को स्टेट
के खाते से इन्हें दूसरे शिक्षकों की तरह वेतन जारी करने का निर्देश दिया
था। बृहस्पतिवार को कुछ जिलों ने आदेश की पालना करते हुए इन शिक्षकों का
वेतन जारी कर दिया। साथ ही बकाया वेतन के लिए सरकार से बजट की डिमांड भी कर
दी। इन शिक्षकों के करीब 300 करोड़ रुपये सरकार पर बकाया हैं।
संघर्ष के
बाद हुई थी भर्ती :
वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार ने विभिन्न पदों के लिए
पीजीटी भर्ती करने का शपथपत्र कोर्ट में जमा कराया था। मामले में तिलक राज
और अन्य ने कोर्ट में केस डालकर भर्ती कराने की मांग की थी, लेकिन सरकार
अपने निर्धारित समय पर भर्ती नहीं करा पाई। मामला फिर कोर्ट में गया। वर्ष
2012 में प्रदेश सरकार ने 14 हजार 216 पीजीटी पदों के लिए विज्ञाप्ति जारी
की। dj
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