शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में किया जा रहा रेशनेलाइजेशन आंकड़ों के फेर में फंस गया है।स्कूल मुखियाओं ने जो आंकड़ा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिया है वह किसी एक तिथि के अनुसार नहीं बल्कि वह अलग अलग है।जिस कारण रेशनेलाइजेशन की योजना प्रभावित होती नजर आ रही है। वहीं निदेशालय का कहना है कि स्कूल मुखिया द्वारा दिए आंकड़े की जांच डाइस के आंकड़े से की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने जब स्कूल मुखियाओं से आंकड़ा मांगा तो उस समय फसली अवकाश चल रहा था।इसके अलावा लोकसभा चुनाव की ड्यूटी भी थी। ऐसे में कई स्कूल मुखिया तो छुट्टी पर थे तो कोई चुनाव में अपनी ड्यूटी दे रहे थे।इस कारण उन्होंने शिक्षा विभाग को जो आंकड़ा दिया वह आनन फानन में दिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कई स्कूल मुखियाओं के आंकड़े जमा करवाने पर कई सहयोगी शिक्षक भड़क भी गए। क्योंकि स्कूल मुखिया ने पिछले सत्र के आंकड़े मुहैया करवा दिए, जिस कारण स्कूल का रेशो भी गड़बड़ा सकता है।
और उस स्कूल से किसी न किसी शिक्षक को दूसरी जगह समायोजित किया जा सकता है। उन्होंने स्कूल मुखिया पर गलत आंकड़े देने का आरोप जड़ डाला है। इसके बाद कई आंकड़ों में फेरबदल कर नई लिस्ट भी तैयार की गई है, जबकि आंकड़ों के बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सिंह का कहना है कि उन्होंने जो आंकड़े एकत्रित किए हैं वे 30 सितंबर के अनुसार ही है।
निदेशक आंकड़ों से होंगे रूबरू
17 अप्रैल से निदेशालय ने आंकड़े एकत्रित करने शुरू कर दिए हैं। पहले दिन हिसार, रोहतक, अम्बाला और गुडग़ांव के आंकड़ों निदेशालय में जिला स्तर के अधिकारी प्रस्तुत करेंगे। रेशनेलाइजेशन के लिए 30 अप्रैल तक डेटा एकत्रित किया जाएगा।
संगठन भी नहीं एक मत
रेशनेलाइजेशन के पक्ष में तो सभी यूनियन थी, लेकिन सबके मत अलग अलग हैं।हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के जिला प्रधान वीरेंद्र बडाला और हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित एसकेएस के जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि नए आंकड़ों के तहत रेशनेलाइजेशन हो, ताकि सही स्थिति के अनुसार विद्यार्थियों के लिए शिक्षक व्यवस्था हो सके।वहीं राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला प्रधान प्रदीप कौर ने सितंबर माह के आंकड़े को ही सही ठहराया।
डाइस के आंकड़े से करेंगे मिलान
"स्कूल मुखियाओं ने 30 सितंबर के तहत जो विद्यार्थियों की संख्या भेजी है। उसका मिलान डाइस की संख्या से किया जाएगा। यदि अंतर मिलता है तो फिर कोई कदम उठाया जाएगा।"--सुरीना राजन, वित्तायुक्त। dbhsr
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