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Thursday, 17 April 2014

नियुक्ति के इंतजार में पीजीटी शिक्षक

** शिक्षकों ने विभाग पर लगाए भेदभाव के आरोप
स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के अधिकारियों की लापरवाही कहे या सुस्त कार्यप्रणाली जिसका खामियाजा प्रदेश के हिंदी, अंग्रेजी और अर्थशास्त्र विषय के पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को अपनी नियुक्ति का इंतजार कर भुगतना पड़ रहा है। विभाग ने कई पीजीटी शिक्षकों को तो लोकसभा चुनाव से पहले ज्वाइनिंग दे दी। जबकि बहुत से पुरुष व कई महिला को कई कारण बताकर ज्वाइनिंग से वंचित रख दिया। जिसका खामियाजा वे आर्थिक और मानसिक परेशानी झेल कर भुगत रहे है। 
ये था मामला 
शिक्षा विभाग में पीजीटी टीचर की विभिन्न विषयों के तहत वर्ष 2013 में लिस्ट जारी की थी। वर्ष 2014 में उनकी काउंसलिंग कर उन्हें ज्वाइनिंग दे दी गई। जबकि हिंदी, अंग्रेजी और अर्थशास्त्र विषय के कई महिला व पुरुष शिक्षकों की ज्वाइनिंग तकनीकी कारण से रुकी, तो किसी की रोजगार पंजीकरण व अनुभव प्रमाणपत्र की जांच की बात कहकर रोक दी गई। जिसके बाद अब तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं सौंपे गए है। 
सरकार को अपने ही तंत्र पर नहीं भरोसा 
नियुक्ति पत्र से वंचित हिसार निवासी एक महिला ने बताया कि उसके आयु में छूट मामले के चलते रोजगार पंजीकरण प्रमाणपत्र सौंपा हुआ था। जिसका तीन बार सत्यापन हुआ। पहले साक्षात्कार के समय रोहतक, फिर दो बार पंचकूला दस्तावेजों का सत्यापन हुआ। शिक्षिका ने बताया कि दो वर्ष पूर्व ही पंजीकरण करवाया था जो ऑनलाइन है। ऐसे में वहां से भी जांच हो सकती है। बावजूद इसके सत्यापन का बहाना बनाकर उनकी नियुक्ति रोक दी गई। जबकि सरकारी तंत्र ने ही वे दस्तावेज जारी किए हंै। उन्हें तीन बार सत्यापन के बाद अपने ही तंत्र पर विश्वास नहीं है। जो उनकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रहा है। 
अब कोर्ट ही सहारा 
कुछ शिक्षिकाओं ने कहा कि अब तो लगता है कोर्ट ही हमारा सहारा है। लेकिन यदि कोर्ट गई तो सिर्फ अपनी नियुक्ति को लेकर नहीं बल्कि जिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते हमें प्रताडऩा सहन करनी पड़ रही है उन्हें भी सजा दिलाने के लिए कोर्ट जाएगी। 
आर्थिक रूप से प्रताडि़त 
शिक्षिकाओं ने बताया कि वे स्कूलों पर बड़े ओहदे पर कार्यरत थी। ऐसे में नियुक्ति की बात पर उन्होंने पद छोड़ दिया। अब वे घर पर बैठी है। उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ। स्कूल में हंसाई हुई और अब मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। यदि हमें लगाना ही नहीं था तो ये सब ड्रामा किसलिए किया। उन्होंने सरकार से अपनी नियुक्ति की मांग की।                           dbhsr

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