तोशाम : प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा 5 अप्रैल से 14 अप्रैल तक किये गए फसली अवकाश बेमायने साबित होते दिखाई दे रहे हैं। किसानों व खेतिहर मजदूरों से एकत्रित जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों में जिस समय फसली अवकाश किए गए थे, तब उनकी खेती हरी-भरी थी। किसानों का कहना है कि ज्यों ही बच्चों की छुट्यिां खत्म हुई। उनकी फसलें भी पककर तैयार हो गई और अब कटाई के सीजन में किसानों व खेतिहर मजदूरों को बच्चे स्कूलों में भेजने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि फसल कटाई के समय बच्चों की छुट्टियां होती हैं तो उन्हें घर के कार्यों और पशुओं की देखभाल की चिंता नहीं होती और वे सुबह जल्दी खेतों में जाकर देर शाम तक खेतों में कटाई का काम कर सकते हैं। किसानों ने बताया कि अब बच्चों को स्कूलों में न भेजें तो भी मुसीबत और भेजते हैं तो पकी -पकाई फसलें खराब मौसम के चलते बर्बाद होने की चिंता है।
इसके लिए किसान व खेतिहर मजदूर स्कूलों के अध्यापकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, किंतु शायद उन्हें नहीं मालूम कि फसली अवकाश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा किये जाते हैं। dtrtk
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