तोशाम : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत प्राध्यापक एसीपी फाइल को लेकर दुविधा में दिखाई दे रहे हैं। इसी दुविधा के चलते संबंधित प्राध्यापकों द्वारा एसीपी की फाइलों को फिलहाल बंद किये जाने के समाचार मिले हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दस वर्ष बाद संबंधित विभाग द्वारा एसीपी (एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन) दिया जाता है, किंतु हाल ही में प्रदेश सरकार ने इसे घटाकर आठ वर्ष कर दिया है। सरकार के इस फैसले से लाभान्वित होने वाले सरकारी स्कूलों के प्राध्यापकों ने फिलहाल अपनी-अपनी फाइलें रोकने का मन बनाया है। प्राध्यापकों का तर्क है कि अगर वे इस समय अपनी एसीपी की फाइल 48 सौ रुपये पे ग्रेड पर भेजते हैं और आने वाले समय में प्रदेश की सरकार उनका पे ग्रेड 54 सौ रुपए कर देती है, तो उक्त प्राध्यापकों को फिर से अपनी एसीपी को छह हजार रुपये पे ग्रेड के लिए दोबारा भेजनी पड़ेगी। प्राध्यापकों से संबंधित जानकारों से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों के प्राध्यापकों ने इसी दुविधा के चलते अपनी-अपनी एसीपी फाइलें रोक ली हैं। आचार संहिता हटने के बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार इनका पे ग्रेड 48 सौ रुपये के बजाय 54 सौ रुपये कर सकती है।
अब देखना यह होगा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्राध्यापकों की इस उम्मीद पर कितना खरा उतरती है और प्राध्यापकों द्वारा अपनी एसीपी फाइलें रोकने का क्या फायदा मिल पाता है। dtrtk
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