बरेली : युवाओं में कौशल विकास के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) व्यावसायिक पाठ्यक्रम अनिवार्य रूप से लागू करने की तैयारी में है। भारत को कुशल युवाओं की राजधानी बनाने का सपना लेकर सीबीएसई छठी कक्षा से ही व्यावसायिक पाठ्यक्रम को वैकल्पिक की जगह अनिवार्य रूप देने जा रहा है ताकि छठी कक्षा से ही छात्रों को रोजगार की दिशा दी जा सके। अभी तक सीबीएसई व्यावसायिक पाठ्यक्रम को वैकल्पिक विषय के रूप में संचालित कर रहा था। कई शिक्षक और छात्र इस पाठ्यक्रम को उतना महत्व नहीं देते हैं जितना कि विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों को देते हैं। इन रोजगारपरक पाठ्यक्रम के प्रति अभिभावक भी उदासीन रवैया अपनाते हैं।
शुक्रवार को दिल्ली में संपन्न सीबीएसई के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भी छात्रों के कौशल विकास पर जोर दिया गया। इसके लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम को सबसे बेहतर साधन बताया गया। अभी तक सीबीएसई मुर्गी पालन, बीमा, आइटी, बैंकिंग समेत 40 से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम संचालित करता है। अगर छात्र तकनीकी क्षेत्र में जाना चाहता है तो उसे इससे जुड़े व्यावसायिक पाठ्यक्रम कराए जाएंगे और इसमें अभिभावकों की राय भी शामिल रहेगी। सम्मेलन से लौटे पुलिस मॉडर्न स्कूल आठवीं वाहिनी पीएसी के मुख्य सलाहकार नरेंद्र शर्मा ने बताया कि आधुनिक युग में छात्र शुरुआती कक्षाओं से ही अपना लक्ष्य तय कर लेता है। dj
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