चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जिला कैडर के जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के अंतर जिला तबादलों की कवायद सिरे नहीं चढ़ पा रही है। तबादलों के आवेदन में शिक्षा विभाग ही रोड़ा बना हुआ है। 21 अप्रैल को तबादलों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि है, लेकिन अभी तक विभाग के पास एक भी ऑनलाइन आवेदन नहीं पहुंचा है। इसका कारण शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली है, चूंकि विभाग की ओर से शिक्षकों को अभी तक आवेदन करने के लिए लिंक ही मुहैया नहीं कराया गया है। शिक्षा आवेदन की अंतिम तारीख नजदीक आने के कारण पशोपेस में हैं कि उनका तबादला हो भी पाएगा या नहीं।
प्रदेश में वर्ष 2004, 2008, 2011 में भर्ती हुए जेबीटी शिक्षक अपने गृह जिलों में पद खाली न होने के कारण दूसरे जिलों में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 4300 प्राथमिक शिक्षक एवं 680 सीएंडवी शिक्षक शामिल हैं। विभाग के अनुसार रोहतक, सोनीपत, झज्जर, हिसार व भिवानी जिलों में रोस्टर के हिसाब से सामान्य जाति के लिए पद खाली नहीं हैं, जबकि सबसे ज्यादा जेबीटी भर्ती इन्हीं जिलों में हुई है। जल्द ही 9000 शिक्षकों के पद और भरे जाने वाले हैं, इससे मेवात, पंचकूला, करनाल, अंबाला, यमुनानगर व अन्य जिलों में कार्यरत जेबीटी व सीएंडवी शिक्षकों की धड़कनें और बढ़ गई हैं। शिक्षा विभाग ने अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन प्रक्रिया 24 मार्च को शुरू की थी। मगर अभी तक एक भी आवेदन न होने से शिक्षकों में खासा रोष है। राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव दीपक गोस्वामी के अनुसार अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर वे पिछले 4 साल से संघर्षरत हैं। लेकिन विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। 16 मई के बाद आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी। dj
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