** महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान, जारी किए नए दिशा-निर्देश
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील तैयार करने के कार्य में जुटे हजारों कर्मियों के लिए अच्छी खबर है।अब स्कूल प्रबंधन उन्हें हटाने आदि के नाम पर नाजायज तंग नहीं करेगा। इस संबंध में यदि कोई कार्रवाई की जानी है तो वह निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग की अनुमति से ही की जाएगी। इस संदर्भ में महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर नए दिशा-निर्देश जारी कर इनकी दृढ़ता से पालना करने के लिए कहा है।
निदेशालय ने जताई चिंता
महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र क्रमांक 4/27-2011 मिड-डे मील (2) में कहा गया है कि यह देखने में आ रहा है कि कई जिलों में मिड-डे मील कुक व हेल्परों को हटाने के नाम पर स्कूल स्टाफ द्वारा उन्हें नाजायज तंग किया जा रहा है।
शिक्षा निदेशालय ने चिंता जताई है कि इस संबंध में पहले भी बताया जा चुका है कि मिड-डे मील कुक व हेल्पर को हटाने आदि की कार्रवाई शिक्षा निदेशालय की अनुमति के आधार पर ही की जाएगी। इसके बाद भी मिड-डे मील कुकों व हेल्परों को हटाने के मामले विभिन्न जिलों से सामने आ रहे हैं। इस संबंध में फिर से शिक्षा निदेशालय द्वारा आदेश दिए जाते हैं कि मिड-डे मील व कुकों को हटाने आदि के नाम पर नाजायज तंग करना बंद किया जाए। यदि किसी कुक व हेल्पर को हटाना ही तो उसके खिलाफ ठोस सबूतों के आधार पर शिक्षा निदेशालय की अनुमति से ही कार्रवाई की जाए। स्कूल स्तर पर इस तरह की कोई भी कार्रवाई आगे से न की जाए।
पहले हर छह माह बाद करना पड़ता था चेकअप
महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग ने यह भी आदेश दिया है कि मिड-डे मील कुकों व हेल्पर का अब एक वर्ष में एक ही बार चेकअप कराया जाए। इससे पहले यह हर छह माह के बाद करवाना अनिवार्य था।
क्यों उठाया कदम :
मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा मिड-डे मील कर्मियों के बारे में ये नए दिशा-निर्देश इसलिए जारी करने पड़े हैं क्योंकि मिड-डे मील कर्मियों के स्कूल प्रबंधन द्वारा अपनी मनमर्जी से हटाने या हटाने के नाम पर उन्हें नाजायज तंग करने के कई मामले कोर्ट में पहुंच गए हैं। dbjulanajnd
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