चंडीगढ़ : प्रदेश में 13 साल से नौकरी कर रहे 2862 जेबीटी शिक्षक फिलहाल नौकरी में बने रहेंगे। इन शिक्षकों की भर्ती चौटाला सरकार में की गई थी। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। नौकरी कर रहे शिक्षकों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्हें नौकरी में रहने दिया जाए। उम्मीदवारों के स्तर पर भर्ती में अनियमितताओं की कोई शिकायत नहीं है।
इससे पहले 8 जनवरी को हाईकोर्ट के जस्टिस के कण्णन ने अपने फैसले में कहा था कि मेधावी उम्मीदवारों को नियुक्ति न देना यह दर्शाता है कि प्रक्रिया में खामियां रही। कुल 3206 जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। इनमें से 221 ऐसे थे जिनके माक्र्स कम किए गए। इसके बावजूद उन्होंने मेरिट सूची में जगह बनाई और इनका चयन हो गया। फैसले में कहा गया था कि ये उम्मीदवार नौकरी में बने रहने के हकदार हैं। इनके अलावा 123 ऐसे हैं जिनका नाम चयन के लिए तैयार की गई दोनों सूचियों में था। इनको छोड़कर बाकी 2862 शिक्षकों को नौकरी से हटा दिया जाए। एकल जज के इस फैसले के खिलाफ दो सदस्यीय पीठ में अपील विचाराधीन है। db
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