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Wednesday, 13 May 2015

मिड डे मील के निजीकरण की तैयारी

** गिरेगी गाज :सरकारी स्कूलों में मिड डे मील पकाते हैं कुक 
भिवानी : हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय द्वारा सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील खिलाने के लिए निजी कंपनी के हाथों में कार्य सौंपने की तैयारी कर ली है। इसी के साथ सरकारी स्कूलों में तैनात मिड डे मील कुकों की नौकरी पर भी संकट के बादल छा गए हैं। 
प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की योजना सन 1995 से शुरू की गई थी। जिले के सरकारी स्कूलों में करीब सवा दो लाख विद्यार्थियों को रोजाना मिड डे मील परोसा जाता है। इस योजना में शुरूआत के बाद कई बार बदलाव भी किए गए और बच्चों के भोजन के मेन्यू में भी कई प्रकार के व्यंजनों का इजाफा किया गया, जबकि कुछ व्यंजनों को मेन्यू से हटाया गया। मिड डे मील के इस मेन्यू के फेरबदल के बाद अब इस काम को ही निजी हाथों में सौंपने की तैयारियां हो चुकी हैं। प्रदेश के दो जिलों में तो यह कार्य पहले ही सौंपा जा चुका है। 
ये हैं जिले में मिड डे मील की स्थिति 
मिड डे मील का भोजन पकाने के लिए दो प्रकार के बजट की व्यवस्था की गई है। इसमें सूखा अनाज यानी की गेहूं और चावल हैफेड द्वारा सरकारी स्कूलों में सप्लाई किया जाता है, जबकि मसाले सब्जियां खरीदने के लिए बजट विद्यालय स्तर पर उपलब्ध कराया जाता है। इस भोजन को पकाने और बच्चों को खिलाने के लिए कुकों के वेतन का बजट अलग से दिया जाता है। जिल में 1142 स्कूलों में इस समय मिड डे मील पकता है, इसमें दो लाख 20 हजार 680 बच्चे मध्याह्न भोजन का लाभ उठा रहे हैं। 
अब शिक्षक भी नहीं जोड़ेंगे रोटी सब्जी का हिसाब किताब 
सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के कार्य को निजी हाथों में सौंपने के फैसले से शिक्षक वर्ग भी खुश हैं। क्योंकि उन्हें अब रोजाना स्कूल में बच्चों को गणित सिखाने के साथ साथ रोटी सब्जी का हिसाब किताब नहीं जोड़ना पड़ेगा। प्रत्येक सरकारी स्कूल में मिड डे मील का हिसाब किताब रखने के लिए एक शिक्षक को इंचार्ज नियुक्त किया जाता है। जब भी शिक्षा अधिकारी औचक निरीक्षण के लिए विद्यालय पहुंचते हैं तो मिड डे मील इंचार्ज की क्लास जरूर लगाते हैं। 
प्रदेश में 21 को जिलास्तर पर होगा विरोध 
मिड डे मील वर्कर यूनियन की जिला प्रधान कामरेड ओमप्रकाश ने बताया कि सरकार की इस नीति के विरोध में पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर मिड डे मील वर्कर 21 मई को विरोध प्रदर्शन करेंगी। ब्लाक स्तर पर वर्करों की मीटिंग ली जा रही है और व्यापक स्तर पर आंदोलन की रणनीति के बारे में अवगत कराया जा रहा है। किसी भी सूरत में सरकारी स्कूलों में लगे मिड डे मील कुकों को नहीं हटने दिया जाएगा। 
मौलिक शिक्षा निदेशालय भेज चुका दो रिमाइंडर 
मौलिक शिक्षा महानिदेशक अंबाला, भिवानी, हिसार, झज्जर, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पंचकूला, पानीपत, पलवल, रोहतक, सिरसा सोनीपत के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को दो बार रिमाइंडर भेज चुका है। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने इन जिलों के डीईईओ द्वारा डीसी के माध्यम से इस्कॉन फूड रिलीफ फाउंडेशन को कार्य दिए का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए थे। मगर कोई कदम नहीं उठाया गया है। 
अभी निदेशालय ने मांगा है प्रस्ताव: सिवाच 
डीईईओ सतबीर सिंह सिवाच ने बताया कि मौलिक निदेशालय ने इस बारे में अभी प्रस्ताव मांगा है। मिड डे मील कुकों को हटाने संबंधी कोई निर्देश नहीं है और ना ही सरकार का अभी इन्हें हटाने का कोई इरादा है। संभव है कि जब निर्धारित कंपनी द्वारा मिड डे मील का पका हुआ भोजन स्कूल में भेजा जाएगा तो ये कुक ही बच्चों को भोजन परोसेंगी।                                                   db

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