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Thursday, 3 March 2016

सरकार ने कर्मियों को कर्ज देने से झाड़ा पल्ला

चंडीगढ़ : सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए आवास, वाहन, कंप्यूटर और विवाह के लिए ऋण देने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। अब यह काम बैंक करेंगे। बैंकों द्वारा कर्मचारियों को ऋण राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत ब्याज दर पर ही प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार और बैंकों के बीच समझौता होगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय हुआ है। अब कर्मचारियों को ऋण स्वीकृति के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कर्मचारियों के लिए बेहतर व अनुकूल नियम एवं शर्ते बन पाएंगी। संबंधित विभाग अध्यक्ष को निर्धारित समय सीमा के भीतर कर्मचारियों के ऋण आवेदनों को बैंकों के पास भेजना होगा। 
पूरी नहीं हो रही थीं जरूरतें : 
राज्य सरकार ने यह फैसला इसलिए भी लिया है, क्योंकि सरकार का बहुत अधिक बजट कर्मचारियों को ऋण देने में खर्च हो जाता है। वहीं, कर्मचारियों को जिस लाभकारी ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, उसे सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर लागू ब्याज दर से जोड़ा जाता है और राज्य सरकार इसे समय-समय पर संशोधित करती है। सरकार द्वारा किया जाने वाला वार्षिक बजट आवंटन सरकारी कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होता। 
56 हजार कर्मचारियों ने ले रखा कर्ज : 
राज्य में 2.74 लाख सरकारी कर्मचारी हैं, जिनमें से 24 हजार 507 कर्मचारियों ने आवास ऋण और नौ हजार 757 कर्मचारियों ने वाहन ऋण लिया हुआ है। 31 मार्च, 2014 तक सात हजार 144 कर्मचारियों ने सरकार से कंप्यूटर ऋण और 16 हजार 887 कर्मचारियों ने विवाह ऋण लिया है।                                                      dj 

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