** इसी शैक्षणिक सत्र से नियम लागू, हरियाणा बोर्ड से संबंधित सभी राजकीय स्कूलों के साथ निजी स्कूलों के 9वीं 11वीं के करीब 23 हजार विद्यार्थियों पर पड़ेगा असर
सोनीपत : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से जुड़े स्कूलों की गृह परीक्षा में मनमानी पर इस बार अंकुश लगाने की तैयारी है। शिक्षा बोर्ड कक्षा नौवीं एवं 11वीं के खुद प्रश्न पत्र तैयार करवाएगा। यही नहीं बोर्ड की ओर से सभी जिलों से किसी भी राजकीय एवं निजी स्कूल की उत्तर पुस्तिका को मंगवा कर जांचा जाएगा। अगर पता लगता है कि किसी स्कूल द्वारा परीक्षा नहीं ली गई और नंबर देने में भी मनमानी बरती गई तो बोर्ड की ओर से स्कूल की मान्यता को भी रद्द किया जा सकता है। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू की जाएगी। इसके लिए सभी स्कूलों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दे दिए गए हैं। शिक्षा बोर्ड के इस फरमान का सीधा असर सोनीपत के राजकीय एवं निजी स्कूलों में पढ़ रहे करीब 23 हजार विद्यार्थियों पर पड़ेगा।
कॉपी होगी क्रॉस चेक
शिक्षा बोर्ड की टीम हर जिले से कक्षा नौवीं एवं 11वीं की उत्तर पुस्तिका भी जांच करेगा। बोर्ड की ओर से सभी उत्तर पुस्तिकाओं को नहीं बल्कि हर जिले से एक-एक हजार कॉपी क्रॉस चेक करेगा। इसके लिए डीईओ द्वारा किसी भी राजकीय निजी स्कूल से चुनिंदा बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं मंगवाकर बोर्ड को भेजी जाएगी।
बोर्ड की ओर से चुका है पत्र
"शिक्षा बोर्ड की ओर से इस संदर्भ में पत्र चुका है। इसका काफी असर पड़ेगा। पढ़ाई के प्रति गंभीरता आएगी और बोर्ड परीक्षा में भी परिणाम सुधरेगा।''-- राजेंद्रदहिया प्रिंसिपल, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, माहरा।
"बोर्ड का यह प्रयास अच्छा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि काफी जगह कक्षा नौवीं एवं कक्षा 11वीं का सिलेबस करवाया ही नहीं जाता। सीधे बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाई जाती है, इससे विद्यार्थी तो बोर्ड परीक्षा के लिए खुद को तैयार कर पाता है और ही नौंवी एवं 11वीं की उसकी तैयारी अच्छी हो पाती है।''-- नरेश आकाश, वरिष्ठ शिक्षक एसएम हिंदू स्कूल।
पहले से उपलब्ध होता है डाटा
शिक्षा बोर्ड के पास पहले से ही अपने अधीन सभी स्कूलों का डाटा होता है। इसलिए इस कार्य के लिए कोई अतिरिक्त मेहनत करने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे यह भी पता चल जाएगा कि किस स्कूल ने परीक्षा ली है और किस ने नहीं ली है।
प्रश्न पत्र शिक्षा बोर्ड तैयार करवाएगा
स्कूली शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड खुद ही कक्षा नौवीं और 11वीं के प्रश्नपत्र बनाएगा। इसके लिए बोर्ड की ओर से विशेषज्ञों की टीम को तैयार किया जा रहा है। अभी तक अधिकांश स्कूल अपने स्तर पर परीक्षा करवाकर उसी हिसाब से परिणाम तय कर विद्यार्थियों को अगली श्रेणी में प्रवेश देते हैं।
इसलिए लागू हो रही है यह व्यवस्था
बोर्ड को शिकायत मिल रही थीं कि काफी स्कूलों की ओर से बेहतर रिजल्ट के लिए की मनमानी की जाती है। काफी स्कूल 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा का बेहतर परिणाम लाने के चक्कर में 9वीं 11वीं कक्षा की पढ़ाई गंभीरता से नहीं कराते। कुछ सीधे दसवीं करवाते हैं तो कुछ औपचारिकता वश 11वीं के पेपर लेकर विद्यार्थियों को मनमानी से नंबर देते हैं। db
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