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Thursday, 9 January 2014

शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए सीबीएसई स्कूलों का होगा ऑडिट

** सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ने पत्र लिखकर चेताया, ऑडिट नहीं कराने वाले स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है 
हिसार : सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (सीबीएसई) ने स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के मकसद से ऑडिट कराने का फैसला किया है। ऑडिट के दौरान शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक सहित अन्य बातों का आंकलन किया जाएगा। ऑडिट के आधार पर ही स्कूलों को एक्रीडेशन दी जाएगी। 
ऑडिट नहीं कराने वाले स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है। हालांकि सीबीएसई ने 2011 में ट्रायल के तौर पर कुछ स्कूलों में इसे शुरू किया था। मगर अब इसे जरूरी कर दिया गया है। सीबीएसई के मुताबिक यह प्रक्रिया जून 2014 से शुरू होगी। इस संबंध में सभी प्रिंसिपल को आदेश जारी कर दिए गए हैं। 
बोर्ड की तरफ से पत्र मिला 
"बोर्ड की तरफ से एक पत्र मिला है, जिनमें साफतौर कहा गया है कि सभी स्कूलों को यह ऑडिट कराना होगा। यह एक बढिय़ा कदम है। इससे स्कूलों को गुणवत्ता बनाए रखनी पड़ेगी।"--प्रवीण कुमार, प्रिंसिपल, ठाकुरदास भार्गव सीनियर सेकंडरी स्कूल 
इन बातों का होगा आंकलन 
ऑडिट के दौरान शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक, बुनियादी सुविधा, मानव संसाधन, नेतृत्व क्षमता, प्रबंधन, प्रशासन सहित कई पहलुओं पर स्कूलों का मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन के लिए बोर्ड ने एक मानक तय किया है। इस पर स्कूलों को खरा उतरना होगा। अगर कोई स्कूल इस पर खरा नहीं उतरता है, तो उन स्कूलों को खुद में सुधार करने के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा। स्कूलों को ज्यादा से ज्यादा दो मौके दिए जाएंगे। 
ऑडिट कराने का मकसद 
सीबीएसई के मुताबिक बोर्ड से एफिलिएशन लेने के बाद स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के अपने उद्देश्य से भटक जाते है। उनकी गुणवत्ता में कुछ समय बाद गिरावट आनी शुरू हो जाती है। इसका नुकसान उस स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को उठाना पड़ता है। मगर ऑडिट के भय से स्कूलों को अपनी गुणवत्ता बनाई रखनी होगी, अन्यथा उन्हें अपने स्कूल की मान्यता तक गंवानी पड़ सकती है। इस ऑडिट की एक समय सीमा रहेगी। इस समय सीमा के खत्म होने के बाद स्कूलों को फिर से ऑडिट कराना होगा। सीबीएसई के इस आदेश के बाद सीबीएसई स्कूलों में हड़कंप मच गया है। स्कूलों ने इस संबंध में कमेटियां बनाकर तैयारियां शुरू कर दी है, ताकि स्कूल जिन क्षेत्रों में कमजोर है, उनमें सुधार लाया जा सके। 
इस तरह होगा ऑडिट 
बोर्ड ने इस काम के लिए एक एजेंसी से करार किया है। यह एजेंसी स्कूलों में जाकर ऑडिट करेगी। इस ऑडिट के लिए स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के बाद उनकी ऑडिटिंग की जाएगी। ऑडिटिंग के आधार पर ही उन्हें ग्रेड दी जाएगी और उनका एक्रीडिशन प्रोसेस पूरा होगा।                                      db

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