चंडीगढ़ : प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कमेटी एक
माह बीत जाने के बावजूद अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं दे पाई है। कमेटी में
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधि भी
शामिल थे। बाद में दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के प्रतिनिधियों को कमेटी
में शामिल करने का दावा किया गया, लेकिन अभी कमेटी की एक मीटिंग तक नहीं
हुई।
शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के निर्देश पर सीएम के प्रधान
सचिव आरके खुल्लर ने यह कमेटी गठित की थी। इस कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले
ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निजी स्कूलों का दौरा कर उनकी मान्यता
के कागजात चैक करने शुरू कर दिए हैं। इससे निजी स्कूल संचालक न केवल सकते
हैं बल्कि परेशान हो गए हैं। उन्हें अवैध वसूली का डर सता रहा है।
फेडरेशन
ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के अनुसार शिक्षा
विभाग सालों से अस्थायी मान्यता लेकर चल रहे स्कूलों को बिना कोई राहत दिए
चैकिंग करवा रहा है। यदि चैकिंग के बाद कमेटी की बैठक होती है तो उसका
स्कूल संचालकों को अधिक लाभ मिलने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि
कमेटी को एक माह के भीतर निजी स्कूलों में हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों की
धारा 134ए, बसों के ट्रांसपोर्ट संबंधी मामले, स्कूलों की मान्यता को लेकर
रिपोर्ट देनी थी। मगर सब कुछ ठंडे बस्ते में चला गया है। कुलभूषण शर्मा ने
आशंका जताई कि कमेटी में शामिल कुछ लोगों की शिक्षा विभाग के अधिकारियों
से सांठगांठ हो गई है, जो कि निजी स्कूल संचालकों के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि कमेटी के सुझावों के बिना यदि एक भी स्कूल बंद किया जाता
है तो प्रदेश स्तर पर फिर से आंदोलन किया जाएगा। dj
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