नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की सामाजिक न्याय पीठ ने आज केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह शराब और अन्य नशों के दुष्प्रभावों को स्कूली पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने संबंधी एक जनहित याचिका के प्रस्तावों पर गौर करे ताकि छात्राें काे शराब अथवा अन्य नशीले पदार्थों के सेवन का आदी बनने से रोका जा सके। जस्टिस एमबी लोकुर तथा जस्टिस यूयू ललित की पीठ के सुझाव को मानते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अदालत को आश्वस्त किया कि वह इस मामले को संबंधित मंत्रालयों के समक्ष उठायेगा।
जनहित याचिका बचपन बचाओ आंदोलन नामक एक स्वयंसेवी संगठन की ओर से दायर की गई है जिसमें बच्चों द्वारा ड्रग्स, शराब तथा अन्य नशीले पदार्थों का दुरुपयोग रोकने के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाने सहित विभिन्न कदम उठाने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। dt
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