** बीस नवंबर से यूजी व एक दिसंबर पीजी की परिक्षाएं शुरू होनी थी
** विवि ने कंप्यूटर सेंटर के अधिकारी चार्जशीट किए। लेकिन सुधार नहीं हुआ है।
** सिर्फ बीबीए व बीसीए की परीक्षाएं ही समय पर होंगी
रोहतक : मदवि की परीक्षाओं में एक बार फिर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। नवंबर और दिसंबर में होने वाली स्नातक और स्नातकोत्तर की परीक्षाएं रजिस्ट्रेशन के चलते मझधार में फंस गई हैं। दरअसल न्यासा के बाद आई केएमपीजी कंपनी भी खरी नहीं उतर पाई है।
अथॉरिटी ने केएमपीजी को मदवि में उतारा, पर सॉफ्टवेयर काम करने में सक्षम नहीं है। परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से डेटबदलती जा रही है। 20 नवंबर से स्नातक और एक दिसंबर से स्नातकोत्तर की परीक्षाएं होनी थी। लेकिन फंस गई। विवि के कंप्यूटर सेंटर के सहयोग से काम सिरे चढ़ाना था, लेकिन प्री परीक्षा और पोस्ट परीक्षा के माड्यूल के चलते परीक्षा पूरा तंत्र प्रभावित हो गया। विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन ही दर्ज नहीं हो पाए। इसके बिना रोल नंबर जारी नहीं हो सकते। अब परीक्षाएं 15 दिसंबर के आसपास होने के आसार हैं। सिर्फ बीबीए व बीसीए की परीक्षाएं ही समय पर शुरू होंगी।
ऐसे हुई दिक्कत
- विद्यार्थियों की संख्या इसलिए बढ़ रही है कि पहले एक पेपर में फेल होने पर कंपार्टमेंट देते थे
- उसे आगामी कक्षा में शामिल नहीं किया जाता था।
- कई पेपर में फेल विद्यार्थी अंतिम समेस्टर में पहुंचते हैं जिससे काम प्रभावित होता है।
क्यों लटका मामला
- मदवि ने न्यासा से काम छिनने के बाद केएमपीजी को दिया था
- प्री परीक्षा और पोस्ट परीक्षा के मॉड्यूल से तंत्र प्रभावित हुआ
- विद्यार्थियों के रजिस्ट्रेशन दर्ज नहीं हुए।ऐसे में नवंबर और दिसंबर की परीक्षा फंसी
ये उठे सवाल
- जब हजारों परीक्षाथियों के रजिस्ट्रेशन ही अपलोड नहीं हो पाए तो कैसे हो पाएंगी परीक्षाएं।
- आखिर कब तक लटकाता रहेगा मदवि प्रशासन
- परीक्षाएं देरी से होने से परिणाम भी देरी से आएगा। अगले सत्र का क्या होगा
देरी से बिगड़ा तंत्र
"यह बेहद गंभीर मामला है। विवि में पेपर समय पर होने चाहिएं। देरी से पूरा तंत्र बिगड़ जाता है। नियमित वीसी की नियुक्ति के बाद स्थिति सुधरेगी।"-- डॉ. अश्विनी धींगड़ा, प्रधान, शिक्षक संघ
कंपनियों का विरोध
"हमने परीक्षा को लेकर आवाज उठाई थी। वीसी-कुलसचिव को ज्ञापन दिया है। न्यासा, केएमपीजी समेत सभी निजी कंपनियों का विरोध होगा। इसे सहन नहीं किया जाएगा। "-- रणधीर कटारिया, प्रधान, गैर शिक्षक कर्मचारी संघ hb
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