गुड़गांव : बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूलों पर अब निर्णय लिया जाएगा। ऐसे स्कूलों की बैठक 8 दिसंबर को होगी थी, लेकिन अब 15 दिसंबर को होगी। इसमें सभी स्कूलों की रिपोर्ट पर समीक्षा होगी। इसके बाद सरकार ऐसे स्कूलों पर कोई अंतिम निर्णय लेगी।
प्रदेश सैकड़ों की संख्या में अस्थाई मान्यता और गैर मान्यता वाले स्कूल कई सालों से चल रहे है। विभाग की ओर से तय मानक पूरा न करने पर विभाग ने इन स्कूलों को पहले ही विभाग ने बंद करने का निर्देश दिया था। विरोध प्रदर्शन के बाद हर सरकार ऐसे स्कूलों को एक साल का वक्त दे दी है। कुछ समय पहले ही निजी स्कूलों के एक संगठन के प्रतिनिधि शिक्षामंत्री से मिला था। इस दौरान मंत्री ने उचित कदम उठाने की बात की थी। ऐसे में निदेशालय ने शिक्षा विभाग को इस बात की जांच रिपोर्ट बनाने को कहा था। जिला शिक्षा अधिकारी डा. मनोज कौशिक ने बताया कि जिले में 54 सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का मौका मुआयना कर रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों के बारे में 15 दिसंबर को पंचकुला में बैठक होगी। जिले के विभिन्न खंडों से अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाकर भेजी है जिसे निदेशालय भेजा जा चुका है। पहली कक्षा से बारहवीं कक्षा तक के सौ से अधिक स्कूल यहां चल रहे हैं। शिक्षा विभाग ने 2007 से चल रहे चल रहे बिना मान्यता वाले स्कूलों को पहले ही बंद करने का निर्णय दिया था। सरकार ऐसे स्कूलों को एक-एक साल का वक्त बढ़ा देती। इस बार उम्मीद है कि स्कूलों पर अंतिम निर्णय आ जाएगा। जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जो दो दो कमरों में चल रहे हैं औ्र वे भी मान्यता की मांग कर रहे हैं।
''पहले इन स्कूलों के बारे में जो बैठक आठ को होनी थी वह 15 दिसंबर को होनी है। यहां से मांगी गई सभी रिपोर्ट को निदेशालय भेज दिया गया है।''-- डा. मनोज कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी।
''जो स्कूल चल रहे हैं व मान्यता संबंधी समस्या है उनपर बैठक होने वाली है। सरकार को चाहिए कि स्कूल चलाने के लिए मान्यता के नियमों में बदलाव करे।'' -- यशपाल यादव, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष, हरियाणा शिक्षण संस्थान संगठन। dj07:16pm
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