धनौरी : विद्यार्थियों की हाजिरी लेने वाले शिक्षक स्वयं अपनी हाजिरी के
लिए कतार में खड़े रहे। धनौरी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में स्थापित
बायोमीट्रिक मशीन में खराबी आने के कारण शिक्षकों को खूब परेशानी ङोलनी
पड़ी। यह इनकी विवशता भी थी क्योंकि जब तक इनकी मशीन में हाजिरी सुनिश्चित
नहीं होती इन्हें विभाग द्वारा गैर हाजिर माना जाता है। शिक्षकों के यूं
हाजिरी की कार्रवाई में उलझने से शिक्षण कार्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा।
ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने की
बजाए प्रयोगों में लगा है। यही कारण है कि जिन मशीनों को स्कूलों में
स्थापित किया गया है वे प्रभावी ढंग से कार्य कर पाने में कारगर साबित नहीं
हो पा रही। इसके साथ ही ऐसे स्कूलों की फेहरिस्त लंबी है जिनमें फिलहाल
बायोमीट्रिक प्रणाली शुरू नहीं हो पाई। इन परिस्थितियों में विभाग स्वयं ही
उपस्थिति की जांच करने में पंगु साबित हो रहा है। यह कोई नई बात नहीं है
एजुसैट और कंप्यूटर लैबों के हालात भी इनसे बदहाल हैं। पानी की तरह पैसा
बहाने के बाद भी इनका वो लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा जिसकी
उम्मीद रखी गई थी। जनरेटर है तो तेल नहीं, तेल है तो जनरेटर खराब, कंप्यूटर
है तो यूपीएस खराब, यूपीएस है तो कंप्यूटर ठप। इस तरह के हालात यह जाहिर
करते हैं कि सुधारीकरण के नाम में शिक्षा विभाग व्यवस्था को स्वयं होच-पोच
कर रहा है। dj
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