चंडीगढ़ : हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ (सकसं) की सीएम मनोहर लाल के साथ गुरुवार को बातचीत बेनतीजा रही। सरकार ने कुछ मुद्दों पर सकारात्मक रुख दिखाया, लेकिन पंजाब के समान वेतनमान, प्राइवेट बस हायरिंग स्कीम, रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर रुख स्पष्ट नहीं किया। असंतुष्ट कर्मी अब राज्य कार्यकारिणी की बैठक कर अगली रणनीति बनाएंगे।
पूर्व घोषणा के मुताबिक बजट सत्र में विस का घेराव करेंगे। प्रदेश महासचिव सुभाष लांबा ने बताया कि ज्यादातर मुद्दों पर सरकार ने गोलमोल जवाब दिया। फिर भी सरकार के साथ मांगों पर बना गतिरोध बातचीत से टूटा है। संघ ने 25 नवंबर को करनाल में अपनी मांगों को लेकर चेतावनी रैली की थी। इसके बाद बातचीत का न्यौता मिला।
सरकार का रुख क्या रहा?
पंजाब के समान वेतनमान, प्राइवेट बस हायरिंग स्कीम समेत कई मुद्दों पर स्पष्ट आश्वासन नहीं, कुछ मुद्दों पर सरकार हुई सकारात्मक
मांग- कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा :
जवाब- पिछलीरेगुलराइजेशन पॉलिसी को हाईकोर्ट में चुनौती है। फैसला आने के बाद उसकी रोशनी में सरकार नई पॉलिसी बनाएगी।
मांग-समानकाम का समान वेतन
जवाब- अस्थायीकर्मियों को रेगुलर कर्मियों के बराबर पात्र नहीं।
मांग-पंजाबके समान वेतनमान
जवाब- घोषणा-पत्रउसके पहले पार्टी ने यह वादा जरूर किया था। अब परिस्थितियां नई हैं।
मांग-7वेंवेतन आयोग की रिपोर्ट 1 जनवरी 2016 से लागू करना :
जवाब- जीमाधवन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई हुई है। उसे 31 मार्च, 2016 तक का टाइम दिया है।
मांग-प्राइवेटबस हायरिंग बंद हो
जवाब- सरकारयह नया प्रयोग करेगी। खड़ी-खड़ी बेकार हो रही 950 बसों को रोड पर चलाने के प्रयास भी किए जाएंगे।
मांग-धरना-प्रदर्शन,सामूहिक अवकाश लेने का मामला
जवाब- इसतरह की कोई रोक नहीं लगाई है। कर्मचारियों की ओर से अभी भी धरना-प्रदर्शन आदि किए जा रहे हैं।
मांग-महिलाकर्मियों को चाइल्ड केयर लीव में राहत देने का मामला
जवाब- सरकारइस मामले में अर्जित अवकाश की शर्त हटाने को तैयार है। अब अर्जित अवकाश रहते हुए भी चाइल्ड केयर लीव ली जा सकेगी।
मांग-हड़ताली कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का मामला
जवाब- पिछलेसाल 21 से 23 जनवरी को हुई हड़ताल के दौरान बिजली, कंप्यूटर, गेस्ट टीचरों पर दर्ज मुकदमे सशर्त वापस लेने पर सहमति। वही मुकदमे वापस होंगे जिसमें सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ हो।
मांग-कर्मचारियों की बहाली का मुद्दा
जवाब- केयूसमेत अन्य जगहों पर हटाए कर्मियों को बहाल नहीं होंगे।
मांग-आउटसोर्सपर लगे कर्मचारियों की पे प्रोटेक्ट करने का मुद्दा
जवाब- 6अप्रैल, 2015 की नई आउट सोर्स पॉलिसी से कई कर्मचारियों का वेतन कम हो गया था। सरकार वेतन प्रोटेक्ट करने पर राजी है। यानी कर्मचारी की सेलरी कम नहीं होगी।
ये आश्वासन भी दिए
पड़ोसी राज्यों की नीतियों का अध्ययन करने के बाद कैश लेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू करने का भरोसा दिलाया। विभागों में पदोन्नति के बकाया मामलों को निबटाने के लिए संघ के दो सदस्य पीएस सीएम से संपर्क में रहेंगे। बैकलॉग जल्दी पूरा करने के प्रयास होंगे। प्रमोशन में रिजर्वेशन ले चुके कर्मचारियों को फिलहाल रिवर्ट नहीं किया जाएगा और हाईकोर्ट में सरकार मजबूती से पक्ष रखेगी। आउटसोर्स नीति के तहत काम कर रहे मुलाजिमों का ईपीएफ, ईएसआई काटे जाएंगे और वेतन सीधे बैंक अकाउंट में जाएगा।
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