रेवाड़ी : नौकरी एमकॉम की पढ़ाई दोनों ही नियमित तौर पर एक साथ करने वाली अकाउंटेंट पर आखिरकार विभागीय गाज गिरी है। एनआरएचएम निदेशक ने पत्र भेजकर अकाउंटेंट को टर्मिनेट करने के आदेश जारी कर दिए हैं। निदेशक के आए पत्र के बाद सिविल सर्जन की तरफ से भी अकाउंटेंट को एक महीने का टर्मिनेशन नोटिस दिया गया है।
2012-13 में एकसाथ पढ़ाई और नौकरी :
राष्ट्रीयग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत नागरिक अस्पताल में 10 सितंबर 2012 को एक महिला कर्मचारी राधा का बतौर अकाउंट असिस्टेंट अनुबंध के आधार पर अपॉइंटमेंट किया गया था। कर्मचारी ने अपॉइंटमेंट से पूर्व अगस्त 2012 में मीरपुर विवि में रेगुलर एमकॉम में प्रवेश ले लिया था।
नौकरी लगने के बावजूद भी कर्मचारी ने यूनिवर्सिटी में नियमित जाकर अपनी कक्षाएं अटैंड की जिसका प्रमाण विवि में उसकी हाजिरी है। एक साथ नौकरी और नियमित पढ़ाई करने वाली राधा की सेक्टर-3 निवासी प्रवीण कुमार ने शिकायत स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन को कर दी। शिकायत मिलने के बाद एसपी नाजनीन भसीन ने इस मामले की जांच की थी। अपनी जांच में एसपी ने साफ तौर पर बताया कि कर्मचारी ने हरियाणा सिविल सेवायें नियमावली के नियमों के विरुद्ध जाकर एक साथ दोनों काम किए जिसके कारण वह दोषी है। एसपी की जांच रिपोर्ट को सिविल सर्जन एनआरएचएम मुख्यालय में भेजा गया था। एनएचआरएम के अधिकारियों ने भी मामले की विस्तार से जांच की तथा मुख्यालय से आए असिस्टेंट राजेंद्र प्रसाद ने इस मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट भी सौंपी। उक्त रिपोर्ट में भी कर्मचारी को दोषी पाया गया।
"निदेशक के कर्मचारी को टर्मिनेट करने के आदेश चुके हैं। एक माह का नोटिस जारी कर दिया है। एक माह बाद कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर दी जाएगी।"-- डॉ.पुष्पा बिश्नोई, सिविल सर्जन
बड़ा सवाल : तो फर्जी था महज रिकवरी करने वाला पत्र
जुलाई में प्रवीण ने आरटीआई से जानकारी मांगी थी। जानकारियों में दो पत्रों में से एक पत्र में जहां अकाउंट असिस्टेंट से रिकवरी के साथ ही उसपर टर्मिनेशन की कार्रवाई के बारे लिखा था। वहीं 16 मार्च 2015 को दूसरे पत्र में कहा गया कि उससे सिर्फ पढ़ाई के दौरान ली गई तनख्वाह की रिकवरी किश्तों में की जाए। आरटीआई में पूछा था कि रिकवरी वाले पत्र पर हस्ताक्षर किसके हैं तथा दूसरी आरटीआई में पूछा वे कब-कब ड्यूटी पर थे। जवाब में 16 मार्च को जारी पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सक्षम अधिकारी का नाम डॉ. रविकांत एआईआरएस, जिनका पद नाम कार्यवाहक निदेशक प्रशासनिक है। वहीं दूसरी आरटीआई में बताया गया कि डॉ. रविकांत 5 मार्च 2015 से 13 मार्च 2015 तक बतौर कार्यवाहक निदेशक प्रशासनिक एनआरएचएम में तैनात रहे। गोलमाल सामने आया कि 16 मार्च को डॉ. रविकांत ड्यूटी पर थे ही नहीं तो फिर उनके हस्ताक्षर वाला पत्र कैसे जारी हुआ। सत्यता के लिए प्रवीण ने सीएम विंडो पर भी शिकायत लगाई हुई है।
अब दिया गया टर्मिनेशन का आदेश : शर्मा
निदेशक एडमिन इनोशी शर्मा ने भी उक्त पूरे मामले की जांच की थी। अपनी जांच के बाद 18 फरवरी को उन्होंने रिपोर्ट पर टिप्पणी भी की थी कि उक्त कर्मचारी से सिर्फ पढ़ाई के दौरान की सेलेरी रिकवर की जाए बल्कि टर्मिनेट किया जाए। निदेशक एडमिन ने सिविल सर्जन के पास पत्र भेज आदेश जारी किए हैं कि कर्मचारी राधा को जिला अकाउंट मेनेजर के पद से टर्मिनेट कर दिया जाए। db
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