करनाल : रोड़ धर्मशाला में कंप्यूटर लैब सहायक संघ का दो दिवसीय सम्मेलन
संपन्न हो गया। अंतिम दिन प्रदेशभर के कंप्यूटर लैब सहायकों ने अपने हक की
आवाज बुलंद की और प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया।
मांग की गई
कि उनके वेतन को छह हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये महीना देने के साथ ही
ईपीएफ, ईएसआइ व मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाएं दी जाएं। चेतावनी दी कि यदि एक
महीने के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह सड़कों पर उतरेंगे।
सम्मेलन में लैब सहायकों ने भविष्य की चुनौतियों पर मंथन किया। इस दौरान
संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले अनशनकारियों को शिल्ड देकर सम्मानित किया
गया।
राज्य उप महासचिव सुनील राणा ने कहा कि लैब सहायकों को सकारात्मक सोच
के साथ मिलकर आगे बढ़ना है। मिलकर लड़ेंगे तो भविष्य की चुनौतियों का
आसानी से सामना कर सकेंगे। कोषाध्यक्ष अनीश कुमार ने कहा कि कंप्यूटर
शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारी निष्ठा से निभानी चाहिए, ताकि हर बच्चे तक
कंप्यूटर की अनिवार्य शिक्षा पहुंच सके। संघ के राज्य प्रधान सुरेंद्र
प्योंत ने कंप्यूटर लैब सहायकों की मांगों को उठाते हुए कहा कि उन्होंने
कहा कि काफी लंबे संघर्ष के बाद प्रदेश सरकार ने लैब सहायकों को शिक्षा
विभाग के अधीन करते हुए 31 मार्च 2016 तक के लिए 72 करोड़ रुपये का बजट
आइसीटी प्रोजेक्ट को दिया था। लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण
प्रदेश के तीन हजार लैब सहायकों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने लेबर कोर्ट की धज्जियां उड़ाई हैं। लैब
सहायकों को सिर्फ छह हजार रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है। जबकि अन्य
सुविधाओं से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास एक महीने का
समय है। यदि इस दौरान भत्ता व वेतन विसंगति को दूर नहीं किया गया तो पूरे
प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा। dj
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