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Friday, 14 November 2014

कंप्यूटर शिक्षकों की राह में कांटे ही कांटे

** निजी कंपनियों की करनी का भुगतना पड़ रहा खामियाजा
चंडीगढ़ : भाजपा सरकार से अच्छे दिनों की आस लगाए बैठे कंप्यूटर शिक्षकों की मुश्किलें पहले से कम होने की बजाए बढ़ती जा रही हैं। गलत करनी निजी कंपनियों की है पर खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। तीनों निजी कंपनियों ने शिक्षकों की भर्ती में इतनी अनियमितताएं बरती हैं कि सरकार कंपनियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी लपेटे में ले सकती है। कंपनियों के शोषण से आजिज आ चुके शिक्षक जहां न्याय की उम्मीद में हैं, वहीं शिक्षा विभाग ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।  
विभाग के उच्च अधिकारियों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास को कंप्यूटर शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दी है। सूत्रों के अनुसार विभाग की गोपनीय रिपोर्ट में फर्जी तरीके से भर्ती शिक्षकों और उनकी असंतोषजनक शैक्षणिक कार्यप्रणाली का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीनों निजी कंपनियों ने शिक्षकों की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता को नजरअंदाज किया है, अनेक शिक्षक योग्यता पूरी न होने के बावजूद भर्ती किए गए हैं। शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने सरकार को कंप्यूटर शिक्षकों की नए सिरे से भर्ती करने का उपाय भी सुझाया है ताकि नियुक्तियां पारदर्शी और मापदंडों के अनुसार की जा सकें। कंप्यूटर शिक्षकों को समझ नहीं आ रहा कि न्याय की गुहार लगाएं तो कहां, चूंकि सीएम और शिक्षा मंत्री कंपनियों पर कार्रवाई का आश्वासन तो दे रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग के अधीन लेने को लेकर चुप हैं।
जांच कराए सरकार 
कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर एसो. के अध्यक्ष बलराम धीमान और महासचिव सुरेश नैन ने कहा कि निजी कंपनियों के कारनामों की सजा उन्हें नहीं मिलनी चाहिए। सरकार दस्तावेजों की जांच कराए, जो तय योग्यता पर खरा उतरते हैं, उन्हें नौकरी पर रखा जाए और जिन्हें भर्ती तरीके से भर्ती किया गया है, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाएं। 
विभाग के अधीन लेने में आ रही अड़चनें 
कंप्यूटर शिक्षकों को विभाग के अधीन लेने में अड़चनें आ रही हैं। इनमें कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती पर विवादों का साया होना प्रमुख है। अनेक शिक्षकों की भर्ती को शिक्षा विभाग फर्जी मान रहा है। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने इस बारे में शिक्षकों को अवगत करा दिया है।
मध्यस्थ अधिकारी ने नहीं की एक भी बैठक 
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दो महीने पहले स्कूल शिक्षा विभाग की तत्कालीन प्रधान सचिव सुरीना राजन को कंपनियों और शिक्षकों के बीच का विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया था। लेकिन उन्होंने बीते महीने केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले कंपनियों और शिक्षकों के साथ एक भी बैठक नहीं की। अब स्कूल शिक्षा विभाग के नए प्रधान सचिव टीसी गुप्ता बने हैं। शिक्षक उनसे जल्द मुलाकात करने की तैयारी में हैं।                                         dj

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