कुरुक्षेत्र : हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन हेमसा सम्बन्धित सर्व कर्मचारी संघ के राज्य संगठन सचिव सतीश सेठी व कोषाध्यक्ष रणबीर रोहिल्ला ने कहा कि एसोसिएशन के ज्ञापन पर वेतन विसंगति आयोग द्वारा मांगी गई रिर्पोर्ट अतिरिक्त मुख्य सचिव हरियाणा सरकार शिक्षा विभाग ने अपने पत्र 23 नवम्बर 2015 द्वारा आयोग को भेजकर प्रति एसोसिएशन को भेजी है। इस रिर्पोट में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव द्वारा जारी की गई हिदायतों का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने सहमति प्रकट करते हुए लिखा है कि लिपिक के पद की शैक्षणिक योग्यता 12वीं के साथ कर्मचारी को कम्प्यूटर में राज्य पात्रता परीक्षा पास करनी आवश्यक है। इसके साथ कर्मचारी अगर तीन साल के अन्दर ये परीक्षा पास नहीं करता तो सेवा नियमों में उसकी नियुक्ति को ही रद्द कर दिए जाने का प्रावधान भी है। यही नहीं रिपोर्ट में कम्प्यूटर में राज्य पात्रता परीक्षा को एमटैक, बीटेक या एमसीए व बीसीए के बराबर माना गया है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि पंजाब में लिपिक के लिए न तो ये परीक्षा पास करने की कोई शर्त है और न ही नौकरी को समाप्त करने जैसा कोई कठोर नियम है। इससे सिद्ध होता है कि हरियाणा में लिपिक की शैक्षणिक एवं व्यवसायिक योग्यता पंजाब प्रदेश से कहीं ज्यादा है।
हेमसा नेताओं ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एसोसिएशन द्वारा जो ज्ञापन वेतन विसंगति आयोग को सौंपा था उसमें उक्त अनुसार शैक्षणिक योगयता के साथ साथ मिनिस्ट्रीयल स्टाफ द्वारा किए जाने वाले कार्यो तथा लिपिक की 30 सालों तक पदोन्नति न होने बारे जो तथ्य आयोग के समक्ष पेश किए थे उन सभी को भी रिकॉर्ड के अनुसार सही माना गया है। पंजाब के समान वेतनमान व भतों की मांग को प्रदेश के मिनिस्ट्रीयल स्टाफ के लिए जायज मानते हुए रिर्पोट में स्पष्ट उल्लेख किया गया है। dt
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