भिवानी : प्रश्नपत्र लीक होने की घटनाओं व शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है। अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कार्यशैली में व्यापक बदलाव करने की तैयारी शुरू हो गई है। गुजरात शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को स्वायत कर चुनाव आयोग की तरह मजबूत किया जाएगा, ताकि परीक्षा तंत्र में राजनैतिक हस्तक्षेप को समाप्त किया जा सके। परीक्षा संचालन, नकल केस बनाने व प्रशासनिक ढांचे में आमूलचूल बदलाव आने वाले समय में दिखाई देगा।
सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड के दो बड़े प्रशासनिक अधिकारियों ने गुजरात शिक्षा बोर्ड का दौरा कर पूरे सिस्टम का बारीकी से आकलन किया। हरियाणा से करीब दोगुने छात्रों की परीक्षा ले रहे गुजरात शिक्षा बोर्ड में राजनैतिक हस्तक्षेप न के बराबर है, वहीं नकल की परिपाटी भी बहुत कम है। करीब 17 लाख बच्चों की परीक्षा के दौरान जहां गुजरात में सीसीटीवी कैमरों की वजह से करीब 5200 नकलची पकड़े गए थे, वहीं हरियाणा में छात्रों की संख्या 8 से 9 लाख है और 54 सौ परीक्षार्थी नकल करते पकड़े गए थे। इसके साथ ही प्रश्नपत्र लीक होने जैसी घटनाओं का दाग हरियाणा बोर्ड को ङोलना पड़ रहा है।
क्या है गुजरात व हरियाणा शिक्षा बोर्ड का पैटर्न :
गुजरात बोर्ड का प्रशासनिक ढांचा हरियाणा शिक्षा बोर्ड से पूरी तरह से भिन्न है। गुजरात बोर्ड में सचिव, ओएसडी, उपाध्यक्ष, अध्यक्ष, कार्यकारी समिति, बोर्ड आफ डायरेक्टर पूरी व्यवस्था का संचालन करता है। सचिव पद पर जिला शिक्षा अधिकारी स्तर के अधिकारी को तैनात किया जाता है और बोर्ड का दैनिक कार्य उन्हीं के माध्यम से होता है। हरियाणा में इस पद पर आइएएस अधिकारी को तैनात किया जाता है और अधिकांश जिम्मेदारी सचिव ही निभाता है। गुजरात में सचिव से वरिष्ठ पद ओएसडी का होता है और इस पद पर गुजरात एकेडमिक सर्विस स्तर(हरियाणा के एचसीएस के समानांतर) का अधिकारी तैनात होता है। उपाध्यक्ष पद पर भी जीएएस स्तर का अधिकारी तैनात किया जाता है। हरियाणा में इस पद पर पिछले दस साल से कोई तैनात नहीं किया गया है। गुजरात शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन पद पर ¨प्रसिपल सचिव स्तर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को नियुक्त किया जाता है,जबकि हरियाणा में राजनैतिक व आईएएस अधिकारी दोनों ही तरह के व्यक्तियों की नियुक्ति की परंपरा रही है। गुजरात में चेयरमैन से भी शक्तिशाली कार्यकारी समिति होती है, जिसमें बोर्ड आफ निदेशक मंडल के चुनिंदा 10 से 15 सदस्य होते हैं और इनमें अधिकांश आइएएस स्तर के अधिकारी होते हैं। अंतिम फैसला लेने का अधिकार 56 सदस्यीय बोर्ड निदेशक मंडल का होता है। इसमें सत्ता व विपक्ष के विधायक, विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, अभिभावकों के प्रतिनिधि, सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। हरियाणा में बोर्ड आफ निदेशक मंडल है, जिसमें राजनैतिक व आइएएस अधिकारी शामिल होते हैं। गुजरात बोर्ड में कर्मचारियों की संख्या करीब 200 है पर परीक्षाओं के दौरान शिक्षा बोर्ड चुनाव आयोग की तरह काम करता है। शिक्षा विभाग बोर्ड के निर्देश पर कार्य करता है और जिला शिक्षा अधिकारी व उनके अधीनस्थ सीधे शिक्षा बोर्ड को रिपोर्ट करते हैं। परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी देने के लिए बोर्ड के कर्मचारी न जाकर यह तमाम कार्य शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व शिक्षकों के कंधों पर रहता है dj
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