नई दिल्ली: स्कूलों में गैर शैक्षणिक कार्यो के लिए सेवानिवृत्त
कर्मचारियों की नियुक्ति किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। प्रधानाचार्य व
उनके द्वारा गठित कमेटी की सिफारिश पर होने वाली इन नियुक्तियों को
गवर्मेट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन ने ये कहते हुए नकार दिया है कि ऐसे
कर्मचारी, जोकि पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, वे इस काम को कर पाने में
अयोग्य साबित होंगे।
एसोसिएशन का कहना है कि ऐसे कर्मचारियों की उम्र
60-65 साल के बीच होगी, ऐसे में उनकी शारीरिक क्षमता उपलब्ध काम की
आवश्यकता के अनुरूप नहीं होगी। इसलिए ये प्रयास कारगार साबित नहीं होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी सिंह का कहना है कि विद्यालयों के वातावरण के
अनुसार अपने से अधिक आयु के व्यक्ति को कार्य बताने में भी प्रधानाचार्यो
को संकोच का अनुभव होगा, जोकि ठीक नहीं है। इसी तरह इन नियुक्तियों में इस
बात की गुंजाइश बनी रहेगी कि प्रधानाचार्य ऐसी नियुक्तियों में अपने
परिचितों व स्कूल प्रबंध समिति के दबाव में काम करें, जोकि उचित नहीं है।
एसोसिएशन के महासचिव अजयवीर यादव का कहना है कि उन्होंने सरकार को सुझाव
दिया था कि गैर शिक्षणिक कार्यों के लिए स्कूलों में खाली पड़े क्लर्क व
सुपरिंडेंटेंट के हजारों पदों को भरा जाए। स्कूलों के रखरखाव के लिए केयर
टेकर के पदों पर भी नियुक्तियां होनी चाहिए। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाए
कि युवा बेरोजगारों को स्थायी रोजगार प्राप्त हो। dj
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