नई दिल्ली : राजधानी के सरकारी स्कूलों के शिक्षक केवल शिक्षण कार्य पर ही
ध्यान दें, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत सरकार
ने प्रधानाचार्यो या स्कूल प्रमुखों के अधिकारों को बढ़ा दिया है। अब
प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख स्कूल में गैर-शिक्षण कार्यो के लिए
कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकेंगे। दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने इस
प्रस्ताव को पारित कर दिया है।
उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष
सिसोदिया के मुताबिक, शिक्षकों से गैर-शिक्षण संबंधी काम लेना बच्चों और
शिक्षक दोनों के साथ अन्याय है। शिक्षकों का पूरा फोकस पढ़ाने पर हो और वे
ज्यादा रचनात्मक एवं बेहतर तरीके से अपने काम को कर सकें, हमारी यही कोशिश
है। पहले हमने शिक्षकों को जनगणना के काम में न लगाए जाने का फैसला लिया था
और अब हम इस दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री
ने कहा कि मैं लगभग हर हफ्ते शिक्षकों या प्रधानाचार्यो के साथ किसी न किसी
रूप में मिलता हूं। इस दौरान सरकारी स्कूलों की शिक्षा को बेहतर करने के
अनेक सुझाव आते हैं। कुछ शिक्षकों ने सुझाव दिया था कि यदि प्रोफेशनल
मोटिवेटर्स या एक्सपर्ट्स भी बच्चों को गाइड करें तो न केवल बच्चों का
आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि उनका व्यक्तित्व विकास होगा। इसके लिए हमने फैसला
किया है कि अब प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख इस काम के लिए ‘रिसोर्स
पर्सन’ की सेवाएं ले सकेंगे।
स्कूल के अन्य कार्य निपटाएंगे सेवानिवृत्त
कर्मचारी:
शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों के कागजी कामकाज को निपटाने के
लिए भी शिक्षकों का ही सहारा लिया जाता है। अभी शिक्षकों को
डायरी-डिस्पैच, विभिन्न प्रकार के बिल तैयार करना और जमा करना, विभिन्न
विभागों के साथ पत्रचार, रिकॉर्ड दुरुस्त करना, कैश बुक और सर्विस बुक सही
करना एवं प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख द्वारा दिए गए अन्य कार्य भी करने
पड़ते हैं। इसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ता है। इसका हल खोजने के
उद्देश्य से सरकार ने प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख को ऐसे कामों के लिए
सेवानिवृत्त लोगों को रखने का अधिकार दे दिया है।
कॉन्ट्रेक्ट पर होंगे
नियुक्त कर्मी
दिल्ली सरकार या स्थानीय निकायों या केंद्र सरकार या अन्य
राज्य सरकार या सैन्य सेवा या ऐसी किसी अन्य सेवा में लोवर डिविजनल क्लर्क,
अपर डिविजनल क्लर्क, हेड क्लर्क और ऑफिस सुपरिटेंडेंट के पद से रिटायर्ड
65 साल से कम उम्र के स्वस्थ व्यक्तियों को इन कामों के लिए नियुक्त किया
जाएगा। ये कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त किए जाएंगे और इन्हें 25 हजार रुपये की
फिक्स रकम दी जाएगी। प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख द्वारा गठित कमेटी इनकी
नियुक्ति करेगी।1इसके अलावा स्कूलों में साफ-सफाई की कमी, टूटे बल्ब, खराब
पंखे, टूटी खिड़कियां, टॉयलेट और पानी की समस्या जैसी शिकायतें से निपटने
के लिए सरकार ने एक अलग अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार प्रधानाचार्य या
स्कूल प्रमुख को दे दिया है। इन कामों के लिए इस्टेट मैनेजर नियुक्त किए
जाएंगे। इस्टेट मैनेजर भी कॉन्ट्रैक्ट पर रहेंगे और इन्हें 25 हजार रुपये
की निर्धारित रकम दी जाएगी। इनकी नियुक्ति भी प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख
द्वारा गठित कमेटी ही करेगी। dj
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